जुबिली न्यूज डेस्क
नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान एक बार फिर सामरिक मोर्चे पर सक्रिय हो गए हैं। दोनों देश अरब सागर में लगभग एक ही समय पर नौसैनिक फायरिंग अभ्यास करने जा रहे हैं। यह अभ्यास भले ही अलग-अलग क्षेत्रों में हो, लेकिन उनकी दूरी महज 60 नॉटिकल मील होगी, जिससे सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता बढ़ गई है।

पाकिस्तान की नौसेना 11 अगस्त 2025 को सुबह 04:00 बजे (UTC) से 12 अगस्त दोपहर 15:00 बजे (UTC) तक अरब सागर में फायरिंग अभ्यास करेगी। वहीं भारतीय नौसेना भी 11 अगस्त को अपने विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) में 11:30 बजे से 13:30 बजे (UTC) तक नौसैनिक फायरिंग ड्रिल करेगी। भारत का अभ्यास गुजरात के पोरबंदर और ओखा के समुद्री तट के पास होगा।
तनावपूर्ण माहौल में संवेदनशील गतिविधि
मौजूदा हालात में, जब बॉर्डर और कूटनीतिक मोर्चों पर भारत-पाकिस्तान संबंध पहले से तनावपूर्ण हैं, अरब सागर में यह समानांतर गतिविधि सामरिक दृष्टि से बेहद संवेदनशील मानी जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, इतने पास अभ्यास होने के कारण कम्युनिकेशन और सर्विलांस पर विशेष ध्यान देना होगा ताकि किसी भी तरह की गलतफहमी या आकस्मिक टकराव से बचा जा सके।
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ऑपरेशन सिंदूर के बाद बढ़ी सतर्कता
हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर के बाद से दोनों देशों की नौसेनाएं अलर्ट मोड पर हैं। ऐसे में यह अभ्यास केवल सैन्य तैयारियों की जांच भर नहीं, बल्कि क्षेत्रीय स्तर पर एक स्पष्ट रणनीतिक संदेश भी है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस तरह के ड्रिल्स दोनों देशों की समुद्री रणनीतियों में बढ़ते फोकस और ताकत के प्रदर्शन को दर्शाते हैं।
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