Thursday - 7 August 2025 - 9:51 PM

तेज प्रताप की बगावत से क्या तेजस्वी को वाकई नुकसान होगा?

जुबिली स्पेशल डेस्क

बिहार की राजनीति में अगले विधानसभा चुनाव से पहले घमासान तेज हो गया है। एक ओर जहां नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भाजपा-जदयू गठबंधन को चुनौती दे रहे हैं, वहीं उन्हें एक अंदरूनी राजनीतिक संकट का भी सामना करना पड़ रहा है और यह चुनौती किसी और से नहीं बल्कि उनके बड़े भाई तेज प्रताप यादव से मिल रही है।

पार्टी और परिवार से दूरी, अब सियासी अलगाव

राजद से निष्कासित किए गए तेज प्रताप यादव ने पार्टी से बाहर निकलकर अपनी अलग सियासी राह चुन ली है। उनका कहना है कि राजद से उन्हें साजिश के तहत बाहर निकाला गया, और इसके लिए उन्होंने ‘जयचंद’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर अपने विरोधियों पर कटाक्ष किया है। लालू प्रसाद यादव ने भी तेज प्रताप के ‘गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार’ के कारण उनसे नाता तोड़ लिया था।

निर्दलीय चुनाव और गठबंधन की नई कोशिश

तेज प्रताप ने महुआ सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। साथ ही उन्होंने पांच छोटे दलों  भोजपुरिया जन मोर्चा, विकास वंचित इंसान पार्टी, संयुक्त किसान विकास पार्टी, प्रगतिशील जनता पार्टी और वाजिब अधिकार पार्टी — के साथ नया गठबंधन बनाने की घोषणा की है। भले ही इन दलों का जनाधार सीमित हो, लेकिन जानकारों का मानना है कि ये गठजोड़ महागठबंधन के वोट बैंक में सेंध लगा सकता है, खासकर पिछड़े, दलित और मुस्लिम वोटों में।

ओवैसी की राह या अपनी अलग पहचान?

राजनीतिक विश्लेषक तेज प्रताप की रणनीति को असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम की तर्ज़ पर देख रहे हैं। ओवैसी पहले ही बिहार में तीसरे मोर्चे की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन तेज प्रताप उनसे पहले ही मैदान में उतर चुके हैं। एआईएमआईएम भी जल्द ही एक नया गठबंधन घोषित करने वाली है, जिससे बिहार में चार ध्रुवीय चुनाव की स्थिति बनती दिख रही है।

वोटों का बंटवारा और एनडीए को लाभ?

तेज प्रताप और ओवैसी जैसे नेताओं के नए गठबंधनों से विपक्षी वोटों का विभाजन तय माना जा रहा है। इसका सीधा लाभ भाजपा और जदयू को हो सकता है। महागठबंधन की रणनीति इसी बिखराव से प्रभावित हो सकती है।

क्या तेजस्वी को वाकई नुकसान होगा?

राजनीतिक रूप से तेजस्वी यादव फिलहाल राजद के निर्विवाद नेता माने जा रहे हैं। कांग्रेस, वाम दल और कई पुरानी पार्टियां उनके साथ हैं। लालू प्रसाद ने भी उन्हें अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित किया है। ऐसे में तेज प्रताप की नई पहल को लेकर संशय बना हुआ है कि यह वाकई कोई बड़ा सियासी असर डालेगी या नहीं।

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com