जुबिली स्पेशल डेस्क
वॉशिंगटन/नई दिल्ली. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को लेकर बड़ा बयान दिया है। एक इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा कि वह अगले 24 घंटे में भारत पर भारी टैरिफ (आयात शुल्क) लगाने जा रहे हैं। ट्रंप ने यह चेतावनी भारत द्वारा रूस से सस्ते तेल की खरीद और उसे लाभ के साथ पुनः बेचने के आरोपों के आधार पर दी है।
रूसी तेल पर भारत की कमाई से नाराज़ ट्रंप
ट्रंप ने कहा, “भारत रूस से भारी मात्रा में तेल खरीद रहा है और उसे दुनिया भर में बेचकर मुनाफा कमा रहा है। भारत को फर्क नहीं पड़ता कि रूस की युद्ध मशीन से यूक्रेन में लोग मारे जा रहे हैं।”
ट्रंप का यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत रूसी तेल का प्रमुख खरीदार बन चुका है। रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद से भारत ने पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के बावजूद रूस से तेल खरीदना जारी रखा।
भारत का पलटवार- ट्रंप का बयान अनुचित और तर्कहीन
भारत सरकार ने ट्रंप के इस बयान को “अनुचित और दोहरे मापदंड वाला” करार दिया है। विदेश मंत्रालय ने कहा:
“जब अमेरिका खुद रूस से व्यापार कर रहा है, तो भारत को क्यों रोका जा रहा है? पिछले साल अमेरिका ने रूस से 3.5 अरब डॉलर का व्यापार किया।”
भारत ने स्पष्ट किया कि वह अपने राष्ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा को प्राथमिकता देता है, और इसी आधार पर अपने ऊर्जा स्रोत चुनता है।
रूस का समर्थन-अमेरिका धमकियाँ नहीं दे सकता
इस विवाद पर रूसी राष्ट्रपति भवन (क्रेमलिन) के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने भारत का समर्थन करते हुए कहा:
“हर संप्रभु राष्ट्र को अपने व्यापारिक साझेदार चुनने का अधिकार है। अमेरिका द्वारा दी जाने वाली धमकियाँ गैर-वैध हैं।”
भारत-रूस व्यापार क्यों है ट्रंप की आंखों की किरकिरी?
- भारत रूस से डिस्काउंटेड रेट पर क्रूड ऑयल खरीद रहा है।
- इसी तेल का कुछ हिस्सा भारत प्रोसेस कर अन्य देशों को निर्यात भी करता है।
- पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के बाद भारत-रूस के व्यापारिक संबंध और गहरे हुए हैं।