जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। क्रिकेट एसोसिएशन लखनऊ (CAL) के बहुप्रतीक्षित चुनाव में इस बार जो नाम सबसे ज़्यादा चर्चा में है, वह है नवनीत सहगल।
एक ओर जहां संगठन में वर्षों से दबे असंतोष और खींचतान को लेकर चर्चाएं गर्म हैं, वहीं दूसरी ओर नवनीत सहगल एक बार फिर क्रिकेट एसोसिएशन लखनऊ की सत्ता उनके हाथो में हो सकती है।
सेवानिवृत्त IAS और प्रसार भारती बोर्ड के चेयरमैन नवनीत सहगल इस बार अध्यक्ष पद के लिए फिर मैदान में हैं, लेकिन उनके खिलाफ कई नामांकन दाखिल हुए हैं और किसी ने नाम वापस नहीं लिया। उनकी टक्कर में डॉ. नीरज जैन, हैदर रज़ा (मैनचेस्टर क्लब) और लल्लन कुमार (यॉर्कर क्लब) जैसे दावेदार भी मैदान में डटे हुए हैं। इससे मुकाबला बेहद प्रतिस्पर्धी और दिलचस्प हो गया है।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक संघ के मौजूदा अध्यक्ष नवनीत सहगल (सेवानिवृत्त IAS) और सचिव केएम खान की जोड़ी को भारी समर्थन मिल रहा है। जानकारों के मुताबिक, मजबूत संख्या बल के चलते दोनों का फिर से निर्वाचित होना लगभग तय माना जा रहा है।
क्रिकेट एसोसिएशन लखनऊ (CAL) के बहुप्रतीक्षित चुनाव से पहले सियासी पारा चढ़ चुका है। शनिवार को होने वाली AGM से पहले राजधानी के 40 से अधिक क्रिकेट क्लबों ने चुनाव प्रक्रिया को लेकर बड़ी आपत्ति जताते हुए बैलेट से वोटिंग की मांग कर दी है।
अधिकांश प्रत्याशियों की माने तो हाथ उठाकर नहीं, बैलेट पेपर से निष्पक्ष चुनाव जरूरी है। तीनों उपाध्यक्ष अभिजीत सरकार, विनय मोहन और विराज सागर दासगुप्ता पहले ही निर्विरोध निर्वाचित हो चुके हैं, जबकि पीआरओ पद पर अभिजीत सिन्हा की भी ताजपोशी हो चुकी है।
156 वोटर, चुनाव आयोग से निगरानी
संघ ने साफ किया है कि चुनाव CAL के संविधान और सोसाइटी रजिस्ट्रार के निर्देशों के तहत हो रहे हैं। कुल 156 मतदाता, जिनमें 34 कार्यकारिणी सदस्य शामिल हैं, वोट डालेंगे। प्रक्रिया पर निगरानी रखने के लिए रजिस्ट्रार ऑफिस से पर्यवेक्षक भी नियुक्त किया गया है।
क्या है बड़ा संदेश?
इस बार का चुनाव महज़ पदों की लड़ाई नहीं बल्कि क्रिकेट की पारदर्शिता और भविष्य को लेकर टकराव बनता जा रहा है। चाहे चुनाव बैलेट से हों या हाथ उठाकर इस AGM से तय होगा कि लखनऊ का क्रिकेट किस दिशा में बढ़ेगा।