पटना. बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) अभियान का आज अंतिम दिन था। चुनाव आयोग ने जानकारी दी है कि राज्य के 99.8% मतदाताओं को इस व्यापक अभियान के तहत कवर किया जा चुका है।
आयोग के अनुसार, अब तक 7.23 करोड़ मतदाताओं के फॉर्म प्राप्त कर उनका डिजिटलीकरण किया जा चुका है। यह डेटा आगामी ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में सम्मिलित किया जाएगा। शेष प्रपत्रों और बीएलओ रिपोर्ट का डिजिटलीकरण 1 अगस्त तक पूरा कर लिया जाएगा।
मृत और पलायन कर चुके मतदाता होंगे बाहर
चुनाव आयोग ने बताया कि करीब 22 लाख मृत मतदाताओं के नाम चिह्नित किए गए हैं, जिन्हें मतदाता सूची से हटाया जाएगा। इसके अलावा, 7 लाख से अधिक ऐसे मतदाताओं की पहचान की गई है जिनके नाम दो या अधिक स्थानों पर दर्ज थे। साथ ही लगभग 35 लाख मतदाताओं को स्थायी रूप से पलायन कर चुके या अज्ञात श्रेणी में रखा गया है।
वर्तमान में 1.2 लाख मतदाताओं के प्रपत्र अब भी लंबित हैं।
इन आंकड़ों को 20 जुलाई को सभी 12 मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ साझा किया गया था।
विरोध के बावजूद दलों की सक्रिय भागीदारी
SIR अभियान को लेकर शुरू में विरोध जताने वाले दलों ने भी अंत में सक्रिय भागीदारी दिखाई। आयोग के अनुसार, बीजेपी के बाद सबसे अधिक BLA (Booth Level Agents) आरजेडी ने तैनात किए।
- बीजेपी: 53,338 BLA
- आरजेडी: 47,506 BLA
- जेडीयू: 36,550 BLA
- कांग्रेस: 17,549 BLA (शुरुआत में केवल 8,586 थे)
चौंकाने वाली बात यह रही कि कांग्रेस ने विरोध के बावजूद 105% BLA बढ़ाए। लेफ्ट पार्टियों ने शुरुआत में रुचि नहीं दिखाई लेकिन अंत तक उन्होंने भी बड़ी संख्या में BLA नियुक्त किए। कुल मिलाकर, SIR प्रक्रिया में 12 राजनीतिक दलों के 1,60,813 BLA शामिल हुए।