गोंडा (उत्तर प्रदेश). राज्य के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने शनिवार को विपक्षी पार्टियों, खासकर समाजवादी पार्टी (सपा) और उसके अध्यक्ष अखिलेश यादव पर तीखा हमला बोला। मौर्य ने कहा कि अखिलेश का ‘पीडीए’ असल में “परिवार डेवलपमेंट एजेंसी” है, जिसमें चेयरमैन से लेकर डायरेक्टर तक सब उन्हीं के परिवार के लोग हैं।
गोंडा जिले में पूर्व मंत्री कुंवर आनंद सिंह को श्रद्धांजलि देने पहुंचे मौर्य ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह बयान दिया। उन्होंने सिंह के बेटे और केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह से भी मुलाकात कर शोक संवेदना प्रकट की।
2027 में फिर प्रचंड बहुमत से लौटेगी बीजेपी: मौर्य का दावा
उपमुख्यमंत्री मौर्य ने विश्वास जताया कि वर्ष 2027 में बीजेपी उत्तर प्रदेश में एक बार फिर भारी बहुमत से सरकार बनाएगी। उन्होंने सपा, बसपा और कांग्रेस के संभावित गठबंधन को बेअसर करार देते हुए कहा कि “चाहे ये एक हों या अलग-अलग लड़ें, इनका हाल 2017 की तरह ही होगा।”
‘सपा माफियाओं की संरक्षक पार्टी है’
लोकसभा चुनाव 2024 में पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) गठजोड़ के साथ जीत के बाद अखिलेश यादव ने इसी नारे को आगे बढ़ाया है। लेकिन मौर्य ने इस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सपा वास्तव में अपराधियों और माफियाओं की संरक्षक पार्टी बन चुकी है। उन्होंने आरोप लगाया कि “अखिलेश यादव को किसी भी ओबीसी नेता की सफलता बर्दाश्त नहीं, इसीलिए वो मुझसे डरते हैं।”
“मैं किसान का बेटा, वो सत्ता के लिए बेचैन”
मौर्य ने खुद को एक गरीब किसान परिवार से आया हुआ कार्यकर्ता बताते हुए कहा कि वे अपने बलबूते उपमुख्यमंत्री पद तक पहुंचे हैं। उन्होंने अखिलेश पर निशाना साधते हुए कहा,
“सत्ता के वियोग में अखिलेश यादव और उनके लोग उसी तरह तड़प रहे हैं, जैसे बिना पानी की मछली।”
उन्होंने सपा अध्यक्ष को अहंकारी बताते हुए कहा कि उनके व्यवहार और भाषा की शैली पर इतिहास में भी सवाल उठेंगे।
‘सत्ता में रहते तो पीडीए की याद क्यों नहीं आई?’
बहराइच में बीजेपी विधायक अनुपमा जायसवाल के आवास पर शोक जताने पहुंचे मौर्य ने अखिलेश यादव पर आरोप लगाया कि “जब वे 2012 से 2017 तक सत्ता में थे, तब न तो पिछड़ों की चिंता की, न दलितों और न ही अगड़ों की। उस समय केवल तुष्टीकरण और गुंडागर्दी की राजनीति हावी थी।”
बिहार में NDA रचाएगी इतिहास: मौर्य का दावा
बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर मौर्य ने कहा कि जिस तरह एनडीए को दिल्ली, महाराष्ट्र और हरियाणा में जीत मिली, उसी तरह बिहार में अब तक की सबसे बड़ी जीत दर्ज की जाएगी।
केशव प्रसाद मौर्य के इस बयान से साफ है कि उत्तर प्रदेश में 2027 के चुनाव को लेकर सियासी माहौल अभी से गर्म है। बीजेपी जहां आगामी जीत को लेकर आश्वस्त दिख रही है, वहीं समाजवादी पार्टी भी पीडीए को एक सामाजिक आंदोलन के रूप में स्थापित करने की कोशिश में जुटी है।