जुबिली न्यूज डेस्क
लखनऊ. उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में कथावाचिका लवली त्रिपाठी के विवादित बयान से उपजे ब्राह्मण-यादव टकराव को लेकर जारी सियासी गर्मी के बीच गोरखपुर से भाजपा सांसद रविकिशन ने तीखा पलटवार किया है। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सब 2027 के चुनाव से पहले विरोधियों द्वारा फैलाया गया जहर है और इसमें उलझने की जरूरत नहीं है।
रविकिशन ने साफ कहा कि पूजा-पाठ किसी भी जाति और बिरादरी के व्यक्ति द्वारा किया जा सकता है, बशर्ते वह सच्चे मन से भगवान का नाम ले और शुद्धता से मंत्रोच्चार करे।
“2027 में फिर बनेगी योगी सरकार, 300+ सीटें आएंगी”
रविकिशन ने कहा कि “2027 में फिर योगी आदित्यनाथ ही मुख्यमंत्री बनेंगे। बीजेपी 300 से अधिक सीटें जीतेगी। विपक्ष को कुछ नहीं सूझ रहा, इसलिए ये जातिगत जहर फैलाया जा रहा है।”
उन्होंने कहा कि नीचले स्तर की राजनीति से विपक्ष न सिर्फ समाज को बांटने की कोशिश कर रहा है, बल्कि निष्कलंक संतों पर भी उंगलियां उठा रहा है। “जब संतों में कोई कमी नहीं दिखती तो उनके इर्द-गिर्द माहौल बिगाड़ने की साजिश की जाती है,” रविकिशन ने कहा।
“ब्राह्मण-यादव का मुद्दा विपक्ष की ओछी राजनीति”
इटावा के घटनाक्रम को लेकर रविकिशन ने विपक्ष पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, “ब्राह्मण बनाम यादव का रंग देना विपक्ष की बहुत ही ओछी और खतरनाक राजनीति है। मैं खुद शुक्ल गोत्र से आता हूं, लेकिन गोरखपुर में हर जाति-बिरादरी के लोग मुझे वोट देते हैं। उन्हें इससे मतलब नहीं कि मैं ब्राह्मण हूं या नहीं, वो सिर्फ ‘रविकिशन’ को जानते हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “हम सब हिंदू हैं। हमें जातियों में बंटने की नहीं, एकजुट होकर राष्ट्र और हिंदू समाज के बारे में सोचने की ज़रूरत है।”
“पूजा-पाठ हर जाति का अधिकार, नफरत से दूर रहें”
बीजेपी सांसद ने इस पूरे विवाद को धार्मिक आस्था से जोड़ते हुए कहा कि “जो सच्चे मन से ईश्वर का जाप करे, उसका स्वागत है। पूजा-पाठ किसी जाति विशेष की बपौती नहीं है। हर बिरादरी, हर जाति का व्यक्ति भगवद गीता पढ़ सकता है, पूजा कर सकता है।”
“गोरखपुर को बना रहे राजधानी जैसा”
राजनीतिक बयानबाजी से हटकर रविकिशन ने अपने संसदीय क्षेत्र गोरखपुर के विकास पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि “मोदी-योगी के नेतृत्व में गोरखपुर को राजधानी की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है। आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक विरासत को बचाते हुए आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।”
उन्होंने डबल इंजन सरकार का आभार जताते हुए कहा, “आज गोरखपुर धार्मिक, सांस्कृतिक और औद्योगिक दृष्टि से लगातार आगे बढ़ रहा है।”
इटावा में कथावाचिका के बयान से उठा विवाद
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले इटावा की एक कथा के दौरान कथावाचिका लवली त्रिपाठी द्वारा ब्राह्मणों को घर न बुलाने संबंधी बयान के बाद राजनीतिक और सामाजिक विवाद गहरा गया है। सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक मंचों तक ब्राह्मण और यादव समाज को लेकर बहस छिड़ गई है, और इसने सियासत में गर्मी ला दी है।
विपक्ष इस बयान को लेकर भाजपा पर हमला कर रहा है, जबकि भाजपा इसे विपक्ष की “राजनीतिक साजिश” करार दे रही है।
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जाति नहीं, राष्ट्र सर्वोपरि – रविकिशन का संदेश
सांसद रविकिशन के बयान का सार यही है कि जातीय राजनीति से ऊपर उठकर हिंदू समाज को एकजुट रहने की जरूरत है। विपक्ष द्वारा फैलाए जा रहे “जहर” से बचने की अपील करते हुए उन्होंने साफ कहा कि “2027 का चुनाव जाति पर नहीं, राष्ट्रवाद और विकास पर लड़ा जाएगा।”