लखनऊ. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा प्रदेश सरकार पर लगाए गए निराधार आरोपों पर कड़ा जवाब देते हुए प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा है कि अखिलेश यादव अब पूरी तरह से मानसिक संतुलन खो चुके हैं।
सत्ता से बाहर हुए आठ वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन वे आज भी उस जनादेश को स्वीकार नहीं कर पा रहे। उनके बयान अब तथ्यों से नहीं, कुंठा और बौखलाहट से प्रेरित होते हैं।
झूठ फैलाना, भ्रम पैदा करना और लोकतांत्रिक संस्थाओं को कटघरे में खड़ा करना अब उनके राजनीतिक व्यवहार का स्थायी हिस्सा बन गया है।
सिंह ने गोरखपुर विरासत कॉरिडोर परियोजना पर उठाए गए सवालों को दुर्भावनापूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि जो लोग कभी गोरखपुर को माफिया और पिछड़ेपन की पहचान से जोड़ते थे, वे आज उस शहर के सांस्कृतिक और भौतिक विकास से घबराकर उसमें रोड़े अटका रहे हैं।
एम्स, फर्टिलाइज़र प्लांट, रामगढ़ताल पुनर्जीवन और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे जैसी परियोजनाओं ने गोरखपुर को पूर्वांचल के नवजागरण का प्रतीक बना दिया है। विरासत कॉरिडोर न केवल शहर के सांस्कृतिक वैभव का प्रतीक बनेगा, बल्कि स्थानीय पर्यटन, रोजगार और वैश्विक पहचान को भी नई ऊंचाई देगा। सरकार ने पहले भी ऐसे विरासत गलियारों का विकास किया है। यह सपा की संकीर्ण राजनीति को रास नहीं आ रहा।
जल शक्ति मंत्री ने अखिलेश यादव द्वारा मुआवजे को लेकर दिए गए बयान को किसानों और व्यापारियों का अपमान बताया। उन्होंने स्पष्ट किया कि गोरखपुर में कॉरिडोर निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण पूरी पारदर्शिता के साथ, उच्च न्यायालय की निगरानी में किया गया है और प्रभावित लोगों को बाजार मूल्य पर समुचित मुआवजा दिया गया है। सपा नेता जानबूझकर किसानों को गुमराह कर भड़काने की साजिश कर रहे हैं।
गोरखपुर और झांसी मेट्रो परियोजना पर उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि जिनके कार्यकाल में एक ट्रॉली तक मेट्रो पर नहीं चलाई जा सकी, वे आज उन परियोजनाओं की प्रगति पर सवाल उठा रहे हैं। योगी सरकार ने जहां लखनऊ मेट्रो को समयबद्ध पूरा किया, वहीं कानपुर मेट्रो को धरातल पर उतारा और अब गोरखपुर-झांसी मेट्रो की डीपीआर प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है। अखिलेश यादव को यह प्रगति असहनीय हो रही है।
सिंह ने समाजवादी पार्टी की ज़मीन कब्जा नीति पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ‘समाजवाद का नारा है, खाली प्लॉट हमारा है’ जैसे नारों के साथ जिन लोगों ने भू-माफियाओं को संरक्षण दिया, वे आज जमीन अधिग्रहण पर नैतिकता का पाठ पढ़ा रहे हैं। योगी सरकार ने अब तक 68,000 करोड़ रुपये मूल्य की अवैध कब्जे वाली जमीनें मुक्त कराकर एक ऐतिहासिक कार्य किया है, जो केवल आंकड़ा नहीं बल्कि अभिलेखीय सत्य है।
कानून व्यवस्था पर सपा प्रमुख की टिप्पणी को हास्यास्पद बताते हुए मंत्री ने कहा कि अखिलेश यादव के पास इस विषय पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
जिनके कार्यकाल में यूपी दंगों, सामूहिक बलात्कारों और जंगलराज का पर्याय बन चुका था, वे आज सुशासन पर सवाल उठा रहे हैं। बदायूं गैंगरेप, बुलंदशहर हाईवे कांड जैसी भयावह घटनाएं जनता आज तक नहीं भूली है। योगी सरकार में अपराधियों को सजा और पीड़ितों को न्याय सुनिश्चित किया गया है, पूरा देश इसकी सराहना कर रहा है।
आरक्षण के मुद्दे पर श्री सिंह ने कहा कि समाजवादी पार्टी ने हमेशा एक जाति विशेष को लाभ पहुंचाने की नीति अपनाई और ओबीसी की अन्य जातियों और एससी-एसटी वर्ग के साथ पक्षपात किया। ‘क्रीमी लेयर’ जैसे संवेदनशील मुद्दों पर उनकी चुप्पी उनकी जातिवादी राजनीति को उजागर करती है।
उन्होंने यह भी कहा कि अखिलेश यादव लोकतांत्रिक संस्थाओं का सम्मान करना भूल चुके हैं। चुनाव आयोग से लेकर न्यायपालिका तक, हर संस्था को वे तब तक स्वीकार करते हैं जब तक परिणाम उनके पक्ष में आता है। हारते ही वे ईवीएम, धांधली और साजिश जैसे आरोपों की आड़ लेकर लोकतंत्र की साख को चोट पहुंचाते हैं।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि जनता ने जिन्हें बार-बार नकारा है, वे अब झूठ, भ्रम और बौखलाहट के सहारे राजनीति में प्रासंगिकता ढूंढ रहे हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश की जनता अब ठगी नहीं जा सकती। अब भरोसा है विकास, सुरक्षा और सुशासन पर न कि झूठ, जातिवाद और विफल विरासत पर।