जुबिली न्यूज डेस्क
नई दिल्ली | भारत के लिए एक सकारात्मक खबर सामने आई है। संयुक्त राष्ट्र सस्टेनेबल डेवलपमेंट सॉल्यूशन नेटवर्क (UN SDSN) की 10वीं सस्टेनेबल डेवलपमेंट रिपोर्ट (SDR 2025) में भारत ने सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (SDGs) की रैंकिंग में 10 स्थान की छलांग लगाते हुए 99वें स्थान पर जगह बना ली है। भारत ने 67 अंकों के साथ यह उपलब्धि हासिल की है।
लगातार बेहतर हो रही भारत की रैंकिंग
भारत ने बीते वर्षों में SDG इंडेक्स में लगातार सुधार दिखाया है:
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2025 – 99वां स्थान (67 अंक)
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2024 – 109वां स्थान
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2023 – 112वां
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2022 – 121वां
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2021 – 120वां
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2020 – 117वां
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2019 – 115वां
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2018 – 112वां
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2017 – 116वां
यह प्रगति दर्शाती है कि भारत 2030 तक SDG लक्ष्य हासिल करने के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ रहा है।
पड़ोसी देशों से बेहतर प्रदर्शन
भारत ने इस रिपोर्ट में बांग्लादेश (114वां, 63.9 अंक) और पाकिस्तान (140वां, 57 अंक) को पीछे छोड़ दिया है। वहीं कुछ पड़ोसी देशों की स्थिति इस प्रकार है:
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भूटान – 74वां (70.5 अंक)
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नेपाल – 85वां (68.6 अंक)
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श्रीलंका – 93वां
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मालदीव – 53वां
हालांकि, चीन (49वां, 74.4 अंक) और यूएस (44वां, 75.2 अंक) भारत से अभी भी कहीं आगे हैं।
क्या है सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स?
SDGs को 2015 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा अपनाया गया था, जिसका उद्देश्य है कि 2030 तक दुनिया भर में गरीबी, भूख, स्वास्थ्य, शिक्षा, जलवायु और समानता जैसे 17 क्षेत्रों में टिकाऊ विकास सुनिश्चित किया जाए।
इंडेक्स में किसी देश को 0 से 100 अंकों के बीच स्कोर दिया जाता है:
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100 अंक का मतलब – सभी 17 लक्ष्य पूर्ण।
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0 अंक का मतलब – कोई प्रगति नहीं।
2025 रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक स्थिति
इस वर्ष की रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर SDG प्रगति रुक गई है। रिपोर्ट के अनुसार, 2030 तक केवल 17% लक्ष्य ही हासिल किए जा सकेंगे। इसके पीछे कारण हैं:
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संघर्ष (conflict zones)
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संरचनात्मक बाधाएं (structural issues)
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सीमित संसाधन
टॉप पर फिनलैंड, यूरोप का दबदबा बरकरार
फिनलैंड लगातार पहले स्थान पर बना हुआ है, जबकि स्वीडन दूसरे और डेनमार्क तीसरे स्थान पर हैं। टॉप 20 में से 19 देश यूरोप से हैं, लेकिन रिपोर्ट के अनुसार ये देश अब भी क्लाइमेट और बायोडायवर्सिटी जैसे लक्ष्यों को हासिल करने में पीछे हैं।
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रिपोर्ट के मुख्य लेखक कौन हैं?
इस रिपोर्ट को तैयार करने वाले प्रमुख लेखक हैं प्रोफेसर जेफरी सैक्स, जो विश्व स्तर पर प्रसिद्ध अर्थशास्त्री हैं और SDG पर वैश्विक नीति निर्माण में अहम भूमिका निभाते हैं।
भारत की यह उपलब्धि बताती है कि नीतिगत सुधार, सामाजिक योजनाएं और पर्यावरणीय सजगता का असर अब वैश्विक स्तर पर दिखने लगा है। हालांकि, अभी भी देश को शिक्षा, स्वच्छता, लिंग समानता और जलवायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में और बेहतर काम करना होगा, ताकि 2030 के सभी 17 लक्ष्य समय से पूरे हो सकें।