जुबिली न्यूज डेस्क
लखनऊ | उत्तर प्रदेश के बांदा जिले से सामने आए एक चौंकाने वाले मामले में खनन माफियाओं ने एसडीएम की गाड़ी को घेरकर हमला कर दिया। आरोप है कि बालू लदे ओवरलोड ट्रकों को छुड़ाने के लिए दबाव बनाने के दौरान विधायक प्रकाश द्विवेदी ने एसडीएम को थप्पड़ मारा। इस हमले में एसडीएम का ड्राइवर भी बाल-बाल बचा।
इस मामले में एसडीएम के ड्राइवर की शिकायत पर पुलिस ने विधायक सहित चार नामजद और 25-30 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। हालांकि, अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
क्या है पूरा मामला?
घटना बांदा में उस समय घटी जब खनन माफिया ओवरलोड ट्रकों को छुड़ाने के लिए मौके पर पहुंचे। जैसे ही प्रशासनिक कार्रवाई शुरू हुई, मौके पर पहुंचे लोगों ने एसडीएम की गाड़ी को घेर लिया और दबाव बनाने लगे। आरोप है कि इस दौरान हाथापाई हुई और ड्राइवर पर हमला भी किया गया।
एफआईआर में बीजेपी विधायक प्रकाश द्विवेदी का नाम प्रमुख रूप से सामने आया है। प्रत्यक्षदर्शियों का दावा है कि विधायक ने मौके पर मौजूद एसडीएम को थप्पड़ जड़ दिया।
अखिलेश यादव ने उठाए सवाल, BJP पर जमकर बरसे
इस पूरे मामले पर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर लगातार कई पोस्ट शेयर करते हुए बीजेपी राज की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए।
अखिलेश यादव ने लिखा:
“भाजपा राज में उप्र में ये हो क्या रहा है? भाजपाई इंजन बनाम डिब्बा, भाजपाई नेता बनाम अधिकारी, अधिकारी बनाम अधिकारी, सत्ता सजातीय बनाम आम समाज… भाजपाई बनाम बेरोज़गार, किसान, कारोबारी, महिला — ये कौन-सा राज है?”उन्होंने यह भी तंज कसा कि या तो यह सब मुख्यमंत्री के ‘संज्ञान’ में हो रहा है या ‘अज्ञान’ में, दोनों ही परिस्थितियाँ प्रदेश के लिए खतरनाक हैं।
खनन माफिया और पुलिस की भूमिका पर भी सवाल
सपा प्रमुख ने ट्वीट में कहा कि बुंदेलखंड, खासकर चंबल जैसी संरक्षित नदियाँ, BJP सरकार के लालच और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही हैं। उन्होंने आगे लिखा:“भाजपा के भ्रष्टाचार का हिस्सा-बांट पूरे प्रदेश का बंटाधार कर रहा है। भाजपा जाए तो चैन आए!”
FIR दर्ज, लेकिन अब तक गिरफ्तारी नहीं
पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है और फिलहाल किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। नामजद अभियुक्तों में विधायक प्रकाश द्विवेदी के अलावा तीन अन्य लोग हैं। पुलिस ने भरोसा दिलाया है कि कानूनी कार्रवाई की जाएगी और दोषियों को छोड़ा नहीं जाएगा।
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इस घटना ने एक बार फिर यूपी में अवैध खनन, प्रशासनिक सुरक्षा और सत्ताधारी नेताओं की भूमिका को लेकर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। जहां एक ओर विपक्ष इस मुद्दे को उछालकर सरकार पर निशाना साध रहा है, वहीं दूसरी ओर आम जनता भी जानना चाहती है — क्या वाकई अधिकारी अब सुरक्षित नहीं हैं?