जुबिली स्पेशल डेस्क
ईरान-इजराइल संघर्ष के बीच परमाणु खतरे को लेकर चिंता गहराई है। इसी बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक बार फिर ईरान को प्रस्ताव दिया है कि वह अपने यूरेनियम भंडार को रूस को सौंप दे, जिससे बढ़ते तनाव के बीच किसी भी संभावित परमाणु संकट को टाला जा सके।
यह प्रस्ताव पहले भी सामने आ चुका है, लेकिन अब जब हालात और गंभीर हो गए हैं, तो रूस ने इसे दोबारा मजबूती से उठाया है।
हाल ही में इज़राइल ने तेहरान के कई परमाणु ठिकानों पर हमला किया, जिसका मकसद ईरान को एटमी हथियार विकसित करने से रोकना था।
इज़राइल का मानना है कि अगर ईरान ने परमाणु क्षमता हासिल कर ली, तो उसका राष्ट्रीय अस्तित्व संकट में पड़ सकता है। जवाब में ईरान ने भी भारी मिसाइल हमले किए।

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ऐसे तनावपूर्ण माहौल में राष्ट्रपति पुतिन का यूरेनियम रूस को सौंपने का प्रस्ताव अमेरिका और यूरोपीय देशों के लिए भी एक अहम संदेश माना जा रहा है।
मध्य पूर्व में ईरान और इज़रायल के बीच चल रहा संघर्ष अब बेहद खतरनाक मोड़ पर पहुंच चुका है। दोनों देशों के बीच लगातार हमले हो रहे हैं और सैन्य तनाव अपने चरम पर है। इसी बीच ईरान ने अब परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) को लेकर बड़ा संकेत दे दिया है।
ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बाघई ने सोमवार, 16 जून 2025 को बताया कि ईरान की संसद एक ऐसा बिल तैयार कर रही है, जिसके ज़रिए देश परमाणु अप्रसार संधि (NPT) से बाहर निकलने की प्रक्रिया शुरू कर सकता है। हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ईरान अभी भी परमाणु हथियारों के निर्माण का समर्थक नहीं है।
प्रवक्ता के इस बयान के बाद इज़रायल की चिंता और बढ़ गई है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, संसद में यह प्रस्ताव अब भी शुरुआती कानूनी प्रक्रिया के दौर में है और इस पर अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह ईरान ने कहा था कि वह परमाणु बम बनाने की दहलीज पर पहुंच चुका है। हालांकि तेहरान का हमेशा से यह दावा रहा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम पूर्णतः शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है।
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