जुबिली स्पेशल डेस्क
रूस-यूक्रेन के बीच तीन साल से जारी जंग अब एक निर्णायक मोड़ पर पहुंचती नजर आ रही है। दरअसल, दोनों देशों के बीच सीजफायर को लेकर एक अहम बैठक 15 मई को तुर्किए में हुई, लेकिन रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इसमें शामिल नहीं हुए। हालांकि रूस ने अपनी ओर से एक प्रतिनिधिमंडल भेजा था।
वहीं, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने रूस की भागीदारी को “दिखावटी” करार देते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुतिन के इस बैठक में शामिल होने की संभावना जताई जा रही थी, लेकिन उन्होंने इसके बजाय क्रेमलिन के सहयोगी व्लादिमीर मेडिंस्की को भेज दिया।
इसी बात को लेकर जेलेंस्की ने नाराजगी जाहिर की और कहा कि रूस की यह भागीदारी गंभीर प्रयास नहीं, बल्कि औपचारिकता जैसी लगती है। उन्होंने साफ कहा कि वह वार्ता की मेज पर तभी बैठेंगे जब सामने स्वयं पुतिन मौजूद होंगे।
इस बीच, यूक्रेन ने रविवार (1 जून 2025) को रूस के हवाई ठिकानों पर बड़ा हमला करते हुए जमीन पर मौजूद रूस के 40 बॉम्बर्स प्लेनों को तबाह कर दिया। यह हमला सीजफायर बैठक से ठीक एक दिन पहले किया गया।
हमले के बाद, जेलेंस्की ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए कहा, “बेहद शानदार नतीजा। एक ऐसा परिणाम जिसे पूरी तरह यूक्रेन ने अपने दम पर हासिल किया है। यह हमारा अब तक का सबसे लंबी दूरी का ऑपरेशन था, जिसमें ऑपरेशन में शामिल हमारे लोगों को समय रहते रूसी क्षेत्र से सुरक्षित निकाल लिया गया।”