जुबिली न्यूज डेस्क
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने शुक्रवार को केंद्र सरकार से संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। उनका कहना है कि ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान के साथ चल रहे तनाव पर देश के नागरिकों को पूरी जानकारी दी जानी चाहिए।
उन्होंने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा,”आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समुदाय तक भारत की स्थिति पहुंचाने के लिए केंद्र द्वारा बहुपक्षीय प्रतिनिधिमंडल भेजना एक सराहनीय कदम है। तृणमूल कांग्रेस हमेशा राष्ट्रहित और संप्रभुता की रक्षा में केंद्र के साथ खड़ी रहेगी।”
क्या है ऑपरेशन सिंदूर मामला?
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगांव में आतंकी हमले में 26 नागरिकों की मौत के बाद भारत ने पाकिस्तान अधिकृत क्षेत्रों में 9 आतंकी शिविरों पर हमला किया, जिसे “ऑपरेशन सिंदूर” नाम दिया गया। इसके जवाब में पाकिस्तान ने सीमा पर बिना उकसावे के गोलीबारी शुरू कर दी, जिसे भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया। 10 मई को दोनों देशों के डीजीएमओ ने बातचीत कर सीज़फायर पर सहमति जताई।
भारत का अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक अभियान
केंद्र सरकार ने भारत के कदमों को दुनिया के सामने रखने के लिए 7 बहुपक्षीय प्रतिनिधिमंडल विदेश भेजे हैं। इनमें एक प्रतिनिधिमंडल में पहले तृणमूल सांसद यूसुफ पठान को शामिल किया गया था, लेकिन बाद में तृणमूल सुप्रीमो ने अभिषेक बनर्जी का नाम प्रस्तावित किया, जिसे केंद्र ने स्वीकार कर लिया।
ममता बनर्जी की स्पष्ट मांग
मुख्यमंत्री ममता ने कहा,”मैं केंद्र से अपील करती हूं कि जैसे ही ये प्रतिनिधिमंडल अपने मिशन से वापस लौटें, संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए ताकि देश को मौजूदा हालात और ऑपरेशन सिंदूर की सच्चाई बताई जा सके।”
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ममता बनर्जी का यह बयान केंद्र और विपक्ष के बीच चल रहे सुरक्षा-नीति संवाद को एक नई दिशा दे सकता है। साथ ही यह संकेत भी है कि जब बात राष्ट्रीय सुरक्षा की हो, तो तृणमूल कांग्रेस पार्टी राजनीति से ऊपर उठकर साथ खड़ी हो सकती है।