जुबिली न्यूज डेस्क
वाराणसी, न्यूयॉर्क की एक यूनिवर्सिटी में कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा भगवान श्रीराम पर दिए गए कथित बयान को लेकर कानूनी पेंच फंसता नजर आ रहा है। वाराणसी के निवासी और अधिवक्ता हरिशंकर पांडे ने राहुल गांधी के खिलाफ एमपी/एमएलए कोर्ट (ACJM – 4th) में विधिक परिवाद दाखिल किया है।
अधिवक्ता का आरोप है कि राहुल गांधी ने विदेश में भगवान राम को लेकर जो टिप्पणी की, वह करोड़ों हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंचाने वाली है और यह न केवल धार्मिक भावनाओं का अपमान है, बल्कि भारत की सनातन संस्कृति का भी अपमान है।
क्या है मामला?
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राहुल गांधी पर आरोप है कि उन्होंने न्यूयॉर्क की एक यूनिवर्सिटी में भगवान राम को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया।
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यह टिप्पणी भारत की धार्मिक आस्थाओं और सनातन परंपरा का उपहास उड़ाने वाली बताई जा रही है।
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अधिवक्ता हरिशंकर पांडे ने इसे अविश्वसनीय और अपमानजनक करार देते हुए कोर्ट में परिवाद दाखिल किया।
कोर्ट में सुनवाई की तारीख तय
वाराणसी के एमपी/एमएलए कोर्ट (ACJM-4th) ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए परिवाद स्वीकार कर लिया है और इसमें अगली सुनवाई की तारीख 19 मई 2025 तय की गई है। अधिवक्ता पांडे ने कहा,“भगवान श्रीराम न केवल हिंदुओं के आराध्य हैं, बल्कि भारतीय संस्कृति की आत्मा हैं। विदेश जाकर उनकी छवि को धूमिल करना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
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राजनीतिक माहौल गर्माया
इस कथित टिप्पणी को लेकर दिल्ली से लेकर वाराणसी तक कांग्रेस और राहुल गांधी के खिलाफ विरोध दर्ज कराया गया है। सोशल मीडिया पर भी लोग इस बयान की निंदा कर रहे हैं।
अब जब कोर्ट में मामला पहुंच गया है, तो यह मुद्दा और अधिक राजनीतिक रंग पकड़ता नजर आ रहा है। राहुल गांधी की तरफ से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।