जुबिली न्यूज डेस्क
नई दिल्ली, भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर और भारतीय सेना द्वारा किए गए ऑपरेशन सिंदूर को लेकर राजनीतिक माहौल गर्म होता जा रहा है। इसी क्रम में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सोमवार को पार्टी के राष्ट्रीय महासचिवों और मीडिया विभाग के पदाधिकारियों के साथ अहम बैठक की। बैठक में इस बात पर ज़ोर दिया गया कि पार्टी को जनता के बीच जाकर विपक्ष के सवालों का जवाब देना होगा और सेना की कार्रवाई को लेकर देश को विश्वास में लेना होगा।
सड़क से सोशल मीडिया तक तैयार है बीजेपी की रणनीति
बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि पार्टी ऑपरेशन सिंदूर को एक बड़ी सैन्य सफलता के रूप में जनता के सामने रखेगी। पार्टी नेताओं और प्रवक्ताओं को निर्देश दिए गए हैं कि वे सामान्य जनता, टीवी डिबेट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर इस मुद्दे को मजबूती से रखें।
सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी अब “सेना का सम्मान” और “आतंकवाद पर निर्णायक प्रहार” जैसे नारों के साथ देशव्यापी अभियान शुरू करने की योजना बना रही है। जिस तरह सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक के बाद तिरंगा यात्रा निकाली गई थी, उसी तर्ज पर इस बार भी जागरूकता अभियान की संभावना है।
अमेरिका की भूमिका पर उठे सवाल, कांग्रेस का वार तेज
इस पूरे घटनाक्रम में एक नया मोड़ तब आया जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर की जानकारी सार्वजनिक की। इस पर विपक्ष, विशेषकर कांग्रेस, ने तीखा रुख अपनाते हुए पूछा कि भारत की कूटनीति में अमेरिका की भूमिका क्यों दिख रही है?
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है, ताकि ऑपरेशन सिंदूर, पहलगाम आतंकी हमला और सीजफायर पर चर्चा हो सके।
सेना के पराक्रम को राजनीतिक बहस में न घसीटें
बीजेपी नेताओं का मानना है कि कांग्रेस सैन्य कार्रवाई पर राजनीति कर रही है, जबकि सरकार और सेना ने पहले ही प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए सब कुछ स्पष्ट कर दिया है। पार्टी का जोर इस बात पर है कि सेना के पराक्रम को जनता तक ले जाया जाए और विपक्ष के ‘अमेरिका की मध्यस्थता’ जैसे आरोपों का सटीक जवाब दिया जाए।
देशभर में अभियान की तैयारी, जनता को मिलेगा हर जवाब
जेपी नड्डा की अगुवाई में हुई इस रणनीतिक बैठक के बाद यह तय माना जा रहा है कि बीजेपी आने वाले दिनों में ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और पाकिस्तान को मिले जवाब को लेकर एक फ्रंटफुट कैंपेन छेड़ेगी।
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इस अभियान में केंद्रीय मंत्री, सांसद, विधायक, पार्षद और पार्टी कार्यकर्ता आम लोगों के बीच जाकर इस बात को स्पष्ट करेंगे कि भारत ने आतंकवाद पर किस तरह निर्णायक प्रहार किया और कैसे सेना ने बिना एलओसी पार किए आतंकवादियों के ठिकानों को तबाह किया।