जुबिली न्यूज डेस्क
आज, 2 अप्रैल 2025 को, वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 को लेकर भारतीय संसद, विशेष रूप से लोकसभा में, महत्वपूर्ण घटनाक्रम देखने को मिले। यह विधेयक वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और प्रशासन में सुधार के लिए लाया गया है, लेकिन इसे लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक और हंगामा हुआ। नीचे आज संसद में हुई प्रमुख घटनाओं का विवरण दिया गया है।

विधेयक की प्रस्तुति:
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने दोपहर 12 बजे लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 को पेश किया। इसके साथ ही “मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2024” भी विचार के लिए लाया गया। सरकार ने इसे बजट सत्र (10 मार्च से 4 अप्रैल) के अंतिम दिनों में पारित करने की मंशा जताई।
विपक्ष का विरोध और वॉकआउट:
विधेयक पेश होते ही विपक्षी दलों, खासकर कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, AIMIM और अन्य इंडिया गठबंधन के सदस्यों ने जोरदार विरोध शुरू किया। कांग्रेस सांसद के.सी. वेणुगोपाल ने इसे संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता), 25 (धार्मिक स्वतंत्रता) और 26 (धार्मिक मामलों के प्रबंधन का अधिकार) का उल्लंघन बताया। विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार इसे जबरन थोप रही है और सदस्यों को संशोधन प्रस्तुत करने का पर्याप्त समय नहीं दिया गया। विरोध के दौरान विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी की और अंततः सदन से वॉकआउट कर दिया, जिससे सदन लगभग खाली हो गया।
सरकार का पक्ष:
किरेन रिजिजू ने विधेयक का बचाव करते हुए कहा कि यह वक्फ संपत्तियों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए है, जिससे गरीब मुस्लिम समुदाय को लाभ होगा। उन्होंने विपक्ष पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया। गृह मंत्री अमित शाह ने भी हाल के बयानों का हवाला देते हुए कहा कि यह विधेयक संविधान के दायरे में है और किसी को डरने की जरूरत नहीं। सरकार ने इसे सच्चर समिति और जेपीसी की सिफारिशों पर आधारित बताया। रिजिजू ने कहा कि विधेयक पर 8 घंटे की चर्चा के लिए सहमति बनी थी, जिसे जरूरत पड़ने पर बढ़ाया जा सकता है।
चर्चा और हंगामा:
विधेयक पर चर्चा शुरू हुई, लेकिन विपक्ष के हंगामे और नारेबाजी के कारण कार्यवाही बार-बार बाधित हुई। AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इसे “असंवैधानिक” करार देते हुए देशव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी। विपक्ष ने मांग की कि विधेयक को दोबारा जेपीसी को भेजा जाए, लेकिन सरकार ने इससे इनकार कर दिया। चर्चा के दौरान कुछ विपक्षी सांसदों ने काली पट्टियाँ बाँधकर विरोध जताया, जो विधेयक के खिलाफ चल रहे व्यापक प्रदर्शनों का प्रतीक था।
एनडीए का बहुमत और समर्थन:
एनडीए के पास लोकसभा में 293 और राज्यसभा में 125 सीटें होने के कारण विधेयक के पारित होने की संभावना मजबूत दिखी। जेडीयू और टीडीपी जैसे सहयोगी दलों ने अपने सांसदों को व्हिप जारी कर समर्थन सुनिश्चित किया। जेडीयू सांसद राम नाथ ठाकुर ने कहा कि उनकी पार्टी सरकार के साथ है और चर्चा के बाद विधेयक का समर्थन करेगी।
मतदान और संभावित परिणाम:
दिन के अंत तक विधेयक पर मतदान की तैयारी थी। सूत्रों के अनुसार, सरकार इसे आज ही लोकसभा से पारित कराने की कोशिश में थी, ताकि इसे राज्यसभा में भेजा जा सके। एनडीए के बहुमत को देखते हुए इसके पारित होने की संभावना प्रबल मानी जा रही थी, हालाँकि विपक्ष के वॉकआउट के बाद सदन में उनकी अनुपस्थिति ने प्रक्रिया को और आसान बना दिया।
बाहरी प्रतिक्रियाएँ:
सदन के बाहर, मुस्लिम संगठनों और विपक्षी नेताओं ने विधेयक को “मुस्लिम अधिकारों पर हमला” करार दिया। वहीं, कैथोलिक बिशप कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया जैसे कुछ गैर-मुस्लिम संगठनों ने इसका समर्थन किया।
संक्षेप में, आज लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक पर तीखी बहस, हंगामा, विपक्ष का वॉकआउट और सरकार का दृढ़ रुख देखने को मिला। विधेयक के पारित होने की प्रक्रिया देर शाम तक जारी थी, और इसके परिणाम का इंतजार किया जा रहा था। यह सत्र 4 अप्रैल को समाप्त होने वाला है, इसलिए सरकार इसे जल्द से जल्द दोनों सदनों से पारित कराने की कोशिश में जुटी है।
Jubilee Post | जुबिली पोस्ट News & Information Portal
