- आप’ ने 2015 में 70 में से 67 सीट जीती थीं
- भाजपा को सिर्फ तीन सीट मिली थी
- कांग्रेस खाता तक नहीं खोल पाई थी
- ‘आप’ ने 2020 में 62 सीट के साथ अपना दबदबा कायम रखा
- जबकि भाजपा ने आठ सीट जीतीं
- कांग्रेस एक बार फिर अपना खाता खोलने में नाकाम रही
जुबिली स्पेशल डेस्क
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होने वाला है। ऐसे में राजनीतिक दलों की धडक़ने तेज हो गई है। बीजेपी और कांग्रेस पिछले काफी समय से दिल्ली की सत्ता से दूर है और इस बार जीत का दावा कर रहे हैं जबकि आम आदमी पार्टी एक बार फिर अपनी सरकार बनाने के लिए जनता से समर्थन मांग रही है।
दूसरी तरफ दिल्ली विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दल एक दूसरे पर किचड़ भी जमकर उछाल रहे हैं। बीजेपी और कांग्रेस सीधे तौर पर केजरीवाल को टारगेट कर रही है और लगातार उनपर हमला बोल रही है। जल विवाद को लेकर हरियाणा बीजेपी ने केजरीवाल के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है।

दूसरी तरफ केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली में विधानसभा चुनाव और उत्तर प्रदेश के अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट के उपचुनाव के लिए प्रचार आज शाम को थम जायेगा और इसके साथ ही अगले कुछ घंटे दिल्ली में राजनीतिक हलचल तेज होगी क्योंकि चुनाव प्रचार के अंतिम दिन दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और आम आदमी पार्टी ने पूरा जोर लगा दिया है।
लोकल मीडिया के अनुसार 22 जगहों पर बीजेपी का आज रोड शो होगा और जनता के बीच ज्यादा से ज्यादा पहुंचने की तैयारी है। वहीं आम आदमी पार्टी आज कई जगहों पर रैली और रोड शो करने की तैयारी में है।
बता दे कि निर्वाचन आयोग की आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) के अनुसार मतदान से 48 घंटे पहले सभी जनसभाएं, चुनाव संबंधी कार्यक्रम और प्रचार निश्चित रूप से बंद हो जाने चाहिए। निर्वाचन आयोग के अनुसार इस अवधि के दौरान सिनेमा, टीवी और प्रिंट मीडिया के माध्यम से प्रचार सामग्री का प्रसार भी प्रतिबंधित है। इस
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