जुबिली न्यूज डेस्क
मध्य प्रदेश सरकार ने प्रदेश की नर्मदा नदी को साफ़ और प्रवाह बनाए रखने के लिये कई फ़ैसले लिये हैं. इसमें नदी के किनारे बसे धार्मिक नगरों और स्थलों के आसपास मांस-मदिरा का उपयोग न हो इसके आदेश भी दिये गये हैं.

मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई बैठक में उन्होंने यह भी कहा कि “यह सुनिश्चित किया जाए कि अमरकंटक में नर्मदा नदी के उद्गम स्थल से लेकर प्रदेश की सीमा में जहां भी बह रही हैं, वहां सीवेज इसमें न मिले.”
मांस-मदिरा पर रोक का असर 21 ज़िलों पर पड़ेगा. नर्मदा के किनारे 21 ज़िले, 68 तहसीलें, 1138 गांव और 1126 घाट आते हैं. नर्मदा के किनारे कई प्राचीन मंदिर और शक्तिपीठ भी आते हैं. लोगों की आस्था नर्मदा को लेकर बहुत ज़्यादा है.
हिंदू मान्यता के अनुसार नर्मदा एकमात्र नदी है, जिसकी परिक्रमा की जाती है. इसलिए परिक्रमा करने वालों की सुविधा के लिए परिक्रमा पथ विकसित करने के आदेश भी दिये गये हैं.
नर्मदा के संरक्षण के लिये यह पहली बैठक थी. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने नदी के पर्यावरण संरक्षण के लिये नर्मदा के आसपास चलने वाली गतिविधियों पर सैटेलाइट इमेज और ड्रोन से नज़र रखने के आदेश भी दिए हैं.
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