जुबिली स्पेशल डेस्क
जम्मू कश्मीर में आतंकियों का आतंक लगातार बढ़ रहा है। आलम तो ये हैं कि ये आतंकी लगातार अपनी रणनीति में बदलाव कर घाटी के बजाये अब जम्मू संभाग को अपना निशाना बना रहे हैं।
हालांकि इन आतंकियों को सेना लगातार जवाब दे रही है और ढेर कर रही है। लेकिन इसके बावजूद आतंकियों के हौसले बुलंद है और लगातार ये लोग जम्मू में आतंकी हमला कर रहे हैं। इस वजह से सेना को अब अपनी रणनीति में बदलाव करना होगा ताकि इनको काबू किया जा सके।
इसको लेकर भारतीय सेना लगातार जम्मू कश्मीर में किश्तवाड़ और बारामूला में आतंकियों की तलाश में सर्च अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान में किश्तवाड़ में जहां दो जवानों की शहादत हुई तो बारामूला में सेना का सर्च अभियान जारी है।
हाल के आंकड़े बताते हैं कि आतंकी लगातार यहां पर सक्रिय है और भारतीय सेना को निशाना बना रहे हैं। इतना ही नहीं इस दौरान आम लोगों को काफी डर के साये में जीने पर मजबूर होना पड़ रहा है।

आप इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि जून से 14 सितंबर 2024 तक जम्मू में हुए आतंकी हमलों को देखें तो 15 दिन में 12 हमले हुए हैं। इस तरह से ये पता चलता है कि जम्मू में कितना ज्यादा खतरा बढ़ता जा रहा है। इस दौरान 14 जवानों की शहादत हुई है, जबकि 4 आतंकी मारे गए हैं।
इस वजह से भारतीय सेना के लिए काफी चिंता का विषय है। 2008 के बाद यह पहली बार है जब जम्मू कश्मीर में लगातार आतंकी अपनी जड़े मजबूत करने में लगे हुए है। मामला यहीं पर खत्म नहीं होता है बल्कि आतंकी हमलों को अंजाम देने के बाद ये आतंकी फरार हो जाते हैं और जंगलों में आतंकियों की मौजूदगी आम लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
अब जम्मू कश्मीर में विधान सभा चुनाव कराने की तैयारी चल रही है और ऐसे में ये देखना होगा कि नई सरकार वहां पर आतंकियों को रोकने के लिए क्या कदम उठाती है।
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