जुबिली स्पेशल डेस्क
हिंडनबर्ग रिसर्च की नई रिपोर्ट आने के बाद एक बार फिर देश में राजनीतिक घमासान देखने को मिल रहा है। अगर इस नई रिपोर्ट पर गौर करें तो इसमें भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच और उनके पति के खिलाफ कई आरोप लगाए गए हैं।
इस बीच इस रिपोर्ट्स के बाद अडानी समूह के शेयर पूरी तरह बिखर गए है और हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद खुलते ही 17 फीसदी तक नुकसान उठाना पड़ा है। सुबह 9:15 बजे बाजार खुलते ही अडानी समूह के सारे शेयर लुढ़क गए।
अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस ने तो बीएसई पर करीब 17 फीसदी के नुकसान के साथ शुरुआत की। हालांकि कारोबार बढ़ते ही उसने शानदार रिकवरी दिखाई, लेकिन उसके बाद भी शेयर लाल निशान में ही है. 9 बजकर 30 मिनट पर यह शेयर बीएसई पर 2.59 फीसदी के नुकसान के साथ 1,075.45 रुपये पर कारोबार कर रहा था।

नई रिपोर्ट में कहा है कि सेबी की चेयरपर्सन माधबी बुच और उनके पति धवल बुच के पास अडानी समूह के कथित वित्तीय कदाचार से जुड़ी ऑफशोर एंटिटी में हिस्सेदारी है।
व्हिसलब्लोअर दस्तावेजों का हवाला देते हुए दावा किया गया है कि ये संस्थाएं गौतम के बड़े भाई विनोद अडानी की ओर से रुपयों की हेराफेरी करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले नेटवर्क का हिस्सा थीं।
हालांकि सेबी प्रमुख ने आरोप को पूरी तरह आधारहीन करार दिया है जबकि अडानी ग्रुप ने इस मांमले पर सफाई दी है और साफ किया है कि उनके ग्रुप का सेबी चीफ के साथ कोई कारोबारी संबंध नहीं है। हिंडनबर्ग की ओर से बेबुनियाद आरोप लगाए जा रहे हैं।
अडानी ग्रुप ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का जवाब देते हुए कहा कि रिपोर्ट में जिन लोगों या केस का जिक्र किया गया है, उससे अडानी ग्रुप का कोई कमर्शियल कनेक्शन नहीं है।
ग्रुप ने सभी आरोपों को खारिज करते कहा कि अउसकी कंपनियों के खिलाफ लगाए गए आरोपों को वह खारिज करता है और फिर से अपनी बात को दोहराता है कि उसकी विदेशी होल्डिंग का स्ट्रक्चर पूरी तरह से पारदर्शी है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अडानी समूह को लेकर कहा गया है कि उसने कंपनियों का जाल बुनकर फंड को इधर से उधर किया।
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