जुबिली न्यूज डेस्क
केंद्र सरकार ने गुरुवार को संसद में वक़्फ़ संशोधन विधेयक 2024 पेश किया. विधेयक पेश करते हुए अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजूजू ने कहा, “इस बिल में जो भी प्रावधान हैं वे अनुच्छेद 25 से लेकर अनुच्छेद 30 तक किसी भी धार्मिक संस्था की स्वतंत्रता पर कोई भी हस्तक्षेप नहीं करते हैं और ना ही संविधान के किसी और अनुच्छेद का इसमें उल्लंघन किया गया है.”

किरेन रिजूजू ने संसद में सुप्रीम कोर्ट के एक केस का हवाला देते हुए कहा, “वक़्फ़ बोर्ड आर्टिकल 25 और 26 के तहत नहीं आता है. महिलाओं और बच्चों और मुसलमान समाज में पिछड़ों को जगह देने के लिए बिल लाया गया है.”उन्होंने बयान दिया कि यह मामला संविधान की समवर्ती सूची में आता है इसीलिए केंद्र सरकार इस पर क़ानून बना सकती है.
विधेयक पेश किए जाने के बाद विपक्ष ने संसद में इसका विरोध करते हुए हंगामा किया. कांग्रेस सांसद के.सी. वेणुगोपाल ने लोकसभा में वक़्फ़ (संशोधन) विधेयक, 2024 का विरोध करते हुए कहा, “यह विधेयक संविधान पर एक मौलिक हमला है. इस विधेयक के माध्यम से वे यह प्रावधान कर रहे हैं कि ग़ैर-मुस्लिम भी वक़्फ़ गवर्निंग काउंसिल के सदस्य होंगे.”
उन्होंने कहा कि मैं आपके माध्यम से सरकार से यह पूछना चाहूंगा कि क्या कोई गैर हिंदू अयोध्या मंदिर बोर्ड का सदस्य हो सकता है.वेणुगोपाल ने कहा कि यह धर्म की स्वतंत्रता पर सीधा हमला है. अभी ये लोग मुस्लिमों के पीछे पड़े हैं, इसके बाद ईसाइयों, फिर जैन का नंबर आएगा. उन्होंने कहा है कि यह बिल हरियाणा और महाराष्ट्र चुनाव को देखते हुए लाया गया है.
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