जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। लोकसभा चुनाव का तीसरा चरण कल संपन्न हो गया। बीजेपी और कांग्रेस अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं।
इस दौरान उत्तर प्रदेश की राजनीति में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रह है। सपा और कांग्रेस यहां पर मिलकर एक साथ चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं बसपा अकेले ही चुनावी मैदान में उतरी हुई है।
बसपा प्रमुख मायावती अपने फैसलों से सपा और कांग्रेस को मुश्किल में जरूर डाल रही है। उन्होंनेेेेेेेेेे कई ऐसी जगह पर प्रत्याशी उतारे है जिससे सपा और कांग्रेस को नुकसान हो सकता है। इस बीच मायावती ने अपनी पार्टी में बड़ा बदलाव किया है।

उन्होंने कल अपनी पार्टी को लेकर एक बड़ा कदम उठाया है। मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर पद से हटाने के साथ-साथ उन्हें अपना उत्तराधिकारी बनाने का फैसला भी वापस ले लिया। बसपा प्रमुख ने ट्वीट करते हुए कहा है कि पार्टी और उसके मूवमेंट के व्यापक हित को देखते हुए पूर्ण परिपक्वता आने तक आकाश आनंद को दोनों जिम्मेदारियों से मुक्त किया जा रहा है। वही आकाश आनंद के पिता आनंद कुमार पार्टी और मूवमेंट में अपनी जिम्मेदारी पहले की तरह ही निभाते रहेंगे।
अब अब सवाल उठ रहा है कि मायावती ने अचानक से ऐसा कदम क्यों उठाया है। इसके पीछे ऐसे क्या वजह रही कि आकाश आनंद को उनके पद से हटा दिया गया। बता दे कि 10 दिसंबर 2023 को मायावती ने बसपा की बैठक में अपने भतीजे आकाश आनंद को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी बनाया था लेकिन अब उनको हटा दिया है।
स्थानीय मीडिया की माने तो आकाश आनंद ने एक रैली के दौरान भड़काऊ भाषण देने के आरोप में आकाश आनंद के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी।
मायावती को यह पसंद नहीं आया इस वजह से उन्होंने उसे हटा दिया। कहां जा रहा है कि उनकी भाषा शैली मायावतीको पसंद नहीं आई।
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