जुबिली स्पेशल डेस्क
पटना। लोकसभा चुनाव बेहद करीब है। लगभग सभी दलों ने अपनी तैयारी को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। इतना ही नहीं कई जगहों के प्रत्याशियों का ऐलान भी कर दिया गया।
बात अगर इंडिया गठबंधन की की जाए तो बिहार में अभी तक गठबंधन को लेकर तस्वीर साफ नहीं हुई है। दरअसल बिहार में इस वक्त सियासी घमासान देखने को मिल रहा है।
लालू यादव लगातार कांग्रेस पर दबाव बना रही और अपनी रणनीति के तहत वो टिकट दे रही है। बिहार में कांग्रेस ज्यादा सीट की मांग कर रही है लेकिन लालू यादव ने 8 सीट का फाइनल ऑफर दिया है। सबसे ज्यादा मामला पूर्णिमा की लोकसभा सीट पर फंसा हुआ है। किसी से पप्पू यादव चुनाव लड़ना चाहते हैं लेकिन आरजेडी अपने खाते से ये सीट देना नहीं चाहती है।
राजद अध्यक्ष लालू यादव ने कांग्रेस को 9 सीटों का फाइनल ऑफर दिया है और कांग्रेस ने मान लिया है लेकिन पूर्णिया लोकसभा सीट पर अभी तक बात नहीं बन सकी है।
बिहार में राष्ट्रीय जनता दल 26, कांग्रेस 9 और वामपंथी पार्टियों को 5 सीटें दी गई है, इसमें से तीन सीटों पर सीपीआई-एमएल चुनाव लड़ेगी. सूत्रों के मुताबिक, लालू यादव कांग्रेस को कटिहार सीट देने पर राजी हो गए हैं, लेकिन पूर्णिया लोकसभा सीट पर किसी तरह का समझौता करने के मूड में नहीं हैं।
ऐसे में दोनों दलों के रिश्ते में खटास आती नजर आ रही है। सवाल ये है कि लालू यादव क्यों ये सीट छोड़ना नहीं चाहते है। लालू यादव ने बीमा भारती को पूर्णिमा से अपना उम्मीदवार बनाया है।
इसके पीछे बड़ा कारण है। बताया जा रहा है कि पूर्णिया लोकसभा सीट सीमांचल के अंतर्गत आती है और इस पूरे इलाके में MY (मुस्लिम-यादव) समीकरण काफी महत्व रखता है।
लालू यादव की पाठशाला से निकले पप्पू यादव भी मुस्लिम-यादव की राजनीति करते हैं अब लालू ऐसा होने नहीं देना चाहते है। लालू अपने वोट बैंक को किसी दूसरे तरफ देना नहीं चाहते हैं।
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