जुबली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। लोकसभा चुनाव बेहद करीब है ऐसे में राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है। यूपी में इंडिया गठबंधन कांग्रेस सपा के साथ मजबूती के साथ चुनाव लड़ने की तैयारी में है।
हालांकि अखिलश यादव से कई छोटे दलों ने नाराजगी जाहिर की और गठबंधन से अलग हो गए। वही उत्तर प्रदेश में मायावती की पार्टी ने किसी भी दल से गठबंधन नहीं किया है।
दरअसल मायावती ने लोकसभा चुनाव में अकेले लड़ने का फैसला किया है। हालांकि उनका यह फैसला इंडिया गठबंधन को काफी नुकसान पहुंचा सकता है।
उन्होंने अपनी पार्टी के 16 उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। इन उम्मीदवारों पर गौर करें तो इंडिया गठबंधन को अच्छा खासा नुकसान होने जा रहा है।
मायावती ने 16 में से 7 ऐसे उम्मीदवार को टिकट दिया है जो मुस्लिम समुदाय से आते हैं। मायावती के इस कदम से अखिलेश यादव के साथ-साथ इंडिया गठबंधन को भी अच्छा खासा नुकसान उठाना पड़ सकता है।
बसपा ने सीटों पर मुस्लिम कैंडिडेट उतारे
मायावती ने जिन सीटों पर मुस्लिम कैंडिडेट उतारे हैं, उनमें सहारनपुर, मुरादाबाद, रामपुर, संभल, अमरोहा, आंवला और पीलीभीत शामिल हैं. एक ओर सहारनपुर से कांग्रेस ने इमरान मसूद को टिकट दिया है तो वहीं मायावती ने माजिद अली को उतारा है।
कांग्रेस ने अमरोहा से दानिश अली को चुनावी मैदान में उतारा है तो बीएसपी ने मुजाहिद हुसैन को टिकट दिया है।
इसके अलावा सपा ने संभल से शफीकुर्रहमान बर्क के पोते जियार्रहमान बर्क को टिकट दिया है तो बीएसपी ने सौलत अली को टिकट दिया है।
मुरादाबाद सीट से बीएसपी ने मोहम्मद इरफान सैफी को प्रत्याशी बनाया है।।समाजवादी पार्टी भी किसी मुसलमान को ही टिकट दे सकती है।
मायावती के इस कदम से निश्चित तौर पर अखिलेश यादव और कांग्रेस को बड़ा नुकसान हो सकता है। अब यह देखना होगा कि इंडिया गठबंधन मायावती के द्वारा उठाए गए इस कदम पर अपना क्या रिएक्शन देता है।