जुबिली न्यूज डेस्क
संयुक्त किसान मोर्चा ने बुधवार को सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प के दौरान एक युवा किसान की मौत पर शोक जताते हुए आरोप लगाया है कि ‘ वर्तमान संकट और एक शख़्स की मौत के लिए ज़िम्मेदार सिर्फ़ मोदी सरकार है.’ किसानों के संगठन ने स्थिति पर चर्चा करने और ‘प्रदर्शन को आगे बढ़ाने की निर्णायक नीति’ तैयार’ करने के लिए 22 फरवरी को अपनी राष्ट्रीय समन्वय समिति की बैठक बुलाई है.

बुधवार को किसानों के प्रदर्शन के दौरान मारे गए 21 साल के नौजवान की पहचान शुभकरण सिंह के रूप में हुई है. शुभकरण सिंह बठिंडा ज़िले के बालोक गांव के रहने वाले थे. पंजाब और हरियाणा के बीच स्थित खनौरी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प में उनकी मौत हुई और कुछ अन्य लोग घायल भी हुए हैं.
किसान संगठन एसकेएम ने अपने बयान में कहा- “हरियाणा-पंजाब सीमा पर पुलिस के क्रूरतापूर्ण दमन और गोलीबारी में भटिंडा ज़िले के बालोक गांव के किसान शुभकरण सिंह की हत्या का हम कड़ा विरोध करते है.” “रिपोर्ट के अनुसार सुरक्षाबलों के दमन में लगभग 15 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं. यह किसान परिवारों की रोजी-रोटी कमाने वालों पर क्रूर हमला है, ये किसान प्रधानमंत्री के किए गए वादों को पूरा कराने के लिए विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे.”
“9 दिसंबर 2021 को एसकेएम के साथ हुए समझौते को लागू करने में फेल रहे प्रधानमंत्री और उनके मंत्री वर्तमान संकट और किसान की मौत के लिए पूरी तरह जिम्मेदार हैं.”इस टकराव के बाद किसानों ने ‘दिल्ली कूच मार्च’ को दो दिनों के लिए रोका है.
ये मोर्चा रुकने नहीं वाला है
बुधवार शाम की गई प्रेस कॉन्फ़्रेंस में किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने ये जानकारी दी. उन्होंने कहा, “केंद्र की मोदी सरकार नोट कर ले कि ये मोर्चा (प्रदर्शन) रुकने नहीं वाला है. खनौरी वाली सारी घटना का जायज़ा लेकर अगली रणनीति दो दिनों में स्पष्ट करेंगे. दिल्ली कूच पर दो दिनों तक रोक रहेगी. उसके बाद फ़ैसला लेंगे.”
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