सैय्यद मोहम्मद अब्बास
भारत में क्रिकेट की दीवानगी लगातार बढ़ रही है। आलम तो ये हैं कि हर बच्चा सचिन और विराट बनना चाहता है। यूपी की राजधानी लखनऊ में दर्जनों क्रिकेट अकादमी है जो इन बच्चों को लगातार आगे बढ़ाने का काम कर रही है।
इतने बड़े राज्यों में क्रिकेट की प्रतिभा के साथ कितना न्याय मिल सकता है, इस पर बहस हो सकती है लेकिन हालिया दिनों में यूपी क्रिकेट ऊंचा जरूर उठा है।
मोहम्मद कैफ, आरपी सिंह, प्रवीण कुमार, रैना के बाद यहां से कई सितारे इंटरनेशनल लेवल पर अपनी अलग छाप छोड़ चुके हैं। मौजूदा वक्त में रिंकू सिंह और कुलदीप यादव के साथ-साथ भुवी जैसे क्रिकेटर भारतीय क्रिकेट में अपनी अलग पहचान रखते हैं जबकि फिरकी के माहिर खिलाड़ी पीयूष चावला को कौन भूल सकता है।

इस सब के बीच यूपी के कुछ ऐसे खिलाड़ी है जिनकी प्रतिभा का असली निखार दूसरे राज्यों में देखने को मिल रहा है। उनमें टी-20 के सबसे खतरनाक खिलाडिय़ों में से एक सूर्यकुमार यादव, यशस्वी जयस्वाल के साथ-साथ कूच बिहार ट्रॉफी में कल ही युवराज का रिकॉर्ड तोडऩे वाले प्रखर चर्तेुवेदी के अलावा विश्व कप में अपनी गेंदबाजी से धूम मचाने वाले मोहम्मद शमी का यूपी से खास संबंध है।
इसके अलावा अतीत में मनोज प्रभाकर, पंकज सिंह व नरेंद्र हिरवानी जैसे क्रिकेटरों ने दूसरे राज्यों में क्रिकेट खेलकर देश का नाम रौशन किया है। अंडर-19 में कई ऐसे क्रिकेटर है जो यूपी के है लेकिन अब वो दूसरे राज्यों में खेलकर यूपी का मान बढ़ा रहे हैं। वहीं दक्षिण अफ्रीका के स्पिनर केशव महाराज को कौन नहीं जानता है। उनके पूर्वज उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले से खास संबंध रखते थे।
कौन-कौन क्रिकेटर कहां से खेल रहे हैं
सूर्य कुमार यादव का यूपी कनेक्शन बहुत कम लोगों को पता है। आज की डेट में टी-20 क्रिकेट के सबसे खतरनाक खिलाड़ी माने जाते हैं। मिस्टर 360 डिग्री नाम से जाने और पहचाने जाने वाले भारत के मध्यक्रम बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव मूल रूप से उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के रहने वाले हैं।
मोहम्मद शमी को कौन नहीं जानता है। वो एक भारत के सबसे प्रतिभावान तेज गेंदबाजों में से एक है, हालांकि वो भले ही बंगाल की तरफ से खेलते हो लेकिन वो उत्तर प्रदेश के अमरोहा के रहने वाले हैं। यहां पर जब उनको मौका नहीं मिला तो वो बंगाल चले गए और आज की डेट में उनके जैसा गेंदबाज भारतीय क्रिकेट में कम देखने को मिलता है।
यशस्वी जायसवाल टी-20 क्रिकेट में सलामी बल्लेबाज के तौर पर अपनी अलग पहचान बना डाली है। वो एक बेहतरीन टेस्ट के ओपनर के तौर पर अपनी जगह बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। भले ही वो मुंबई से खेलते हो लेकिन उनका जन्म उत्तर प्रदेश के भदोही जिले के सुरियावां गांव में हुआ था।
भारत के ‘ब्रायन लारा’ कहे जाने वाले प्रखर चतुर्वेदी इस वक्त काफी सुर्खियों में है। हालांकि अभी उन्होंने भारत के डेब्यू नहीं किया लेकिन कल ही कूच बिहार ट्रॉफी में नॉटआउट 404 रन बनाकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है।
कूच बेहार ट्रॉफी के खिताबी मुकाबले में मुंबई के खिलाफ कर्नाटक के सलामी बल्लेबाज के तौर पर प्रखर चतुर्वेदी ने 638 गेंदों पर 404 रन बनाए।
इस दौरान 46 चौके और 3 छक्के लगाए हैं।प्रखर चतुर्वेदी के पिता संजय ने द इंडियन एक्सप्रेस से खास बातचीत में कहा था कि हम उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से हैं, लेकिन मैं पिछले दो दशकों से अधिक समय से बेंगलुरु में रह रहा हूं। उनके इस शानदार प्रदर्शन के बाद लोग उनको अगला लारा तक बताने लगे हैं।
इसके अलावा मनोज प्रभाकर मुरादाबाद के है जबकि एक जमाने में अपनी घूमती हुई गेंदों से बल्लेबाजों को चकमा देने वाले हिरवानी गोरखपुर के जो मध्य प्रदेश से खेला करते थे।
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