जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया का चुनाव हो गया है लेकिन विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। संजय सिंह की जीत पहलवानों को रास नहीं आ रही है।
इसका नतीजा ये हुआ कि साक्षी मलिक के बाद अब बजरंग पूनिया ने भी एक बड़ा कदम उठाते हुए अपना पद्मश्री अवॉर्ड लौटाने की बात कही है। इससे पहले कल पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के करीबी सहयोगी रहे हैं संजय सिंह ने रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया का चुनाव जीता है लेकिन उनकी जीत पर खिलाड़ी खुश नजर नहीं आ रहे हैं।
इन सभी की मांग की थी कि रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष पद पर किसी महिला को होना चाहिए। बजरंग पूनिया ने अपना पद्मश्री अवॉर्ड लौटाने की बात सोशल मीडिया के माध्यम से दी है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखी। बजरंग पूनिया ने पोस्ट के कैप्शन में लिखा, ‘मैं अपना पद्मश्री पुरस्कार प्रधानमंत्री जी को वापस लौटा रहा हूँ। कहने के लिए बस मेरा यह पत्र है। यही मेरी स्टेटमेंट है। ‘
29 वर्षीय बजरंग पूनिया को साल 2019 में पद्मश्री मिला था।बजरंग पूनिया ने अपने पत्र में कहा, ”…जिन बेटियों को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की ब्रांड अंबेसडर बनना था, उनको इस हाल में इस हाल में पहुंचा दिया गया कि उनको अपने खेल से ही पीछे हटना पड़ा। हम ‘सम्मानित’ पहलवान कुछ नहीं कर सके। महिला पहलवानों को अपमानित किए जाने के बाद मैं ‘सम्मानित’ बनकर अपनी जिंदगी नहीं जी पाऊंगा। ऐसी जिंदगी कचोटती ताउम्र मुझे। इसलिए ये ‘सम्मान’ मैं आपको लौटा रहा हूं।”
बीते कुछ दिनों से भारतीय कुश्ती में घमासान मचा हुआ है। पहले बृज भूषण के खिलाफ खिलाडिय़ों का गुस्सा सातवें आसमान पर रहा और फिर बृज भूषण सिंह को हटाने के लिए कुश्ती के खिलाडिय़ों ने पूरा जोर लगा दिया।
इसके बाद क्या था बृज भूषण सिंह को जाना पड़ा लेकिन अब रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया का चुनाव संपन्न हो गया है लेकिन इसके बावजूद खिलाडिय़ों का गुस्सा कम होने का नाम नहीं ले रहा है।
दरअसल इसका बड़ा कारण बृज भूषण सिंह है। कुश्ती की दुनिया में आज 2 बड़े घटनाक्रम के याद किया जायेगा। रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया को नया अध्यक्ष मिल गया है लेकिन खिलाड़ी खुश नहीं है क्योंकि पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के सहयोगी संजय सिंह नए अध्यक्ष बने हैं।
इस वजह से साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्सास लेने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने रुंधे गले से कहा कि बृजभूषण शरण सिंह का बिजनेस पार्टनर और करीबी सहयोगी कुश्ती संघ काअध्यक्ष चुना जाता है, तो मैं अपनी कुश्ती को त्यागती हूं।
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