जुबिली न्यूज डेस्क
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी की आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत तीन दिनों के लखनऊ दौरे पर जा रहे हैं. वो 22 से 24 सिंतबंर तक यूपी की राजधानी में रहेंगे और इस दौरान संघ के शताब्दी वर्ष को लेकर अवध प्रांत के पदाधिकारी और प्रचारकों की बैठक करेंगे.

चुनाव से पहले संघ प्रमुख के तीन दिनों के दौरे को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. दरअसल मोहन भागवत के आने के पहले दो दिनों कि भाजपा और संघ की समन्वय बैठक है जिसमें आरएसएस के साथ मिलकर काम करने की चर्चा होगी.
हालांकि संघ प्रमुख के दौरे को दलितों तक सीधे पहुंचने के संघ के प्रयास के एक बड़े आउटरीच के तौर पर देखा जा रहा है. दलित और आदिवासियों तक संघ की शाखा को पहुंचने की समीक्षा होगी.
इसके साथ-साथ संघ कार्यकर्ताओं को ज्यादा से ज्यादा जोर दलित और आदिवासियों के गांव तक पहुंचने पर होगा. संघ ने अपनी शाखाओं के विस्तार के लिए अब दलित और आदिवासियों के बीच घुमंतू जातियों जिसमें नट और बनटंगिया आदिवासी हैं उन पर अपना फोकस किया है.
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भागवत ने दिया था बड़ा बयान
संघ प्रमुख मोहन भागवत अभी हाल ही में अखंड भारत को लेकर दिए अपने बयान को लेकर सुर्खियों में आए थे. 8 सिंतबर को जब एक कार्यक्रम के दौरान भागवत से छात्र ने सवाल किया, ‘हम भारत को अखंड भारत के रूप में कब तक देख लेंगे? छात्र से बातचीत में उन्होंने कह दिया कि आपके बूढ़े होने से पहले अखंड भारत बनते जरूर दिख जाएगा ‘क्योंकि परिस्थितियां अब ऐसी करवट ले रही हैं.
जो भारत से अलग हुए हैं, उनको लगने लगा है कि गलती हो गई, हमको फिर से भारत होना चाहिए. संघ प्रमुख ने पिछले साल अप्रैल में भी ऐसा ही कुछ कहा था. उन्होंने कहा था, ’20-25 साल में तो भारत अखंड भारत बन जाएगा, लेकिन हम कोशिश करेंगे तो 15 साल में भी ऐसा हो सकता है.
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