जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। राजस्थान में इस साल चुनाव होना है। ऐसे में वहां पर सियासी घमासान तेज हो गया है। अगर राजस्थान के विधान सभा चुनाव पर गौर करें तो वहां पर अक्सर पांच साल बाद सत्ता बदलने का रिवाज रहा है।
ऐसे में कांग्रेस के लिए ये सबसे बड़ी मुश्किल होने जा रही है। अगर वक्त रहते ही कांग्रेस ने अपने सारे झगड़े सुलझा नहीं लिए तो उसका हाल पंजाब जैसा होगा।
बता दें कि पंजाब में कांग्रेस की सरकार थी लेकिन चुनावी दंगल में उतरने से पहले ही पार्टी के अंदर की लड़ाई ने उसे तोडक़र रख दिया था।
अब राजस्थान में उसी तरह की स्थिति बनती हुई नजर आ रही है। सचिन पायलट और अशोक गहलोत एक बार फिर आमने सामने हैं।

सचिन पायलट पूरी तरह से अब सक्रिय नजर आ रहे हैं लेकिन गहलोत को लेकर एक बार फिर उनका स्डैंड क्लियर नजर आ रहा है। सचिन पायलट ने बुधवार (15 फरवरी) को न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा, ”अनुशासन और पार्टी के रुख का अनुपालन सभी के लिए समान है, व्यक्ति बड़ा हो या छोटा।
” साथ ही उन्होंने कहा कि अनुशासनात्मक समिति तत्कालीन पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी के खिलाफ खुली अवहेलना के संबंध में निर्णय में विलंब का सबसे अच्छा जवाब दे सकते हैं। पायलट ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आक्रामक तरीके से प्रचार कर रहे हैं।
राजस्थान पर फैसला जल्द किया जाना चाहिए ताकि चुनाव के लिए कांग्रेस को तैयार किया जा सके। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में दो रैलियां की है।
ऐसे में देखना होगा कि कांग्रेस राजस्थान को लेकर क्या कदम उठाती है लेकिन इतना तय है कि अब भी सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच रार कम नहीं हुई है। अगर ये वक्त रहते इसे संभाला नहीं गया तो कांग्रेस को राजस्थान चुनाव में बड़ा नुकसान उठाना पड़ा सकता हैं क्योंकि बीजेपी राजस्थान चुनाव को लेकर पूरी तरह एक्टिव है और जीत का दावा भी कर रही है।
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