Sunday - 7 January 2024 - 1:27 AM

MP को लेकर क्यों मोदी से लेकर अमित शाह की उड़ी है नींद?

जुबिली स्पेशल डेस्क

मौजूदा साल देश की सियासत के लिए काफी अहम होने जा रहा है। दरअसल इस साल देश के नौ राज्यों में विधान सभा चुनाव होना है। उनमें मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे राज्य भी शामिल है।

ऐसे में देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस एक बार फिर पुरानी लय में लौटने की राह पर है तो दूसरी ओर बीजेपी भी इन नौ राज्यों में सत्ता हासिल करने के लिए पूरा जोर लगा देगी।

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बाद कांग्रेस फिर से नेशनल पालिटिक्स में फिर अपनी उपस्थिति दर्ज कराना चाहती है तो बीजेपी में बड़े बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। इसके लिए बीजेपी ने चुनावी रणनीति बनानी शुरू कर दी है। मध्य प्रदेश में इस साल चुनाव होना है।

वहां की मौजूदा स्थिति को देखे तो कुछ वक्त के लिए कांग्रेस ने अपनी सरकार बनायी थी लेकिन बाद में कांग्रेस में आपसी झगड़े के बाद वहां से कांग्रेस  की सरकार गिर गई और फिर से शिवराज का राज हो गया और बीजेपी की सत्ता आ गई लेकिन इस बार राह आसान होने नहीं जा रही है। बीजेपी से संकेत मिल रहे हैं कि वहां पर बदलाव संभव है। इस वजह से वहां के स्थानीय नेताओं के दिलों की धडक़न बढ़ गई है।

वहीं राष्ट्रीय अध्यक्ष जयप्रकाश नड्डा बतौर अध्यक्ष अच्छा नहीं रहा है। कई चुनाव में हार झेलनी पड़ी है। हिमाचल में बुरी पराजय के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष जयप्रकाश नड्डा की कुर्सी पर आंच आ सकती है। ऐसे में पार्टी की दो दिवसीय बहुत अहम बैठक 16 जनवरी से शुरू हो रही है।

इस अहम बैठक में सीएम शिवराज सिंह चौहान और मप्र भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा भी मौजूद रहेंगे। हालांकि ये देखना होगा कि चुनावी साल में बीजेपी कितना बदलाव करती है।

मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत से सरकार बनी थी लेकिन इस बार ये आसान नहीं होने जा रहा है क्योंकि कांग्रेस सीधे तौर पर चुनौती दे रहे हैं।

मध्य प्रदेश सरकार में उन मंत्रियों पर सवाल है जिन्होंने सरकार में रहकर मलाई काटी है लेकिन काम के नाम पर उन्होंने कुछ नहीं किया है। बीजेपी को देखना होगा कि उन नेताओं को क्या करें जिनके बारे में अच्छी रिपोर्ट नहीं मिली है। गुजराज मॉडल को मध्य प्रदेश में अपनाया नहीं जा सकता है। ऐसे में बीजेपी के आलाकमान को तय करना है कि वैसे मंत्रियों को लेकर क्या फैसला लेता है।

वहीं मन्त्रिमण्डल विस्तार पर कोई फैसला हो सकता है। इस वजह से वहां के नेताओं की रातों की नींद उड़ गई है। बीजेपी चाहे तो भृष्ट व कमजोर मंत्रियों को हटाकर नये चेहरों को मौका दे ताकि चुनाव में वो अच्छे संदेश के साथ उतर सके।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को तय करना है कि वो मध्य प्रदेश को लेकर क्या फैसला लेते हैं। वहीं एक रिपोर्ट तौ ये बताती है मध्य प्रदेश में बीजेपी की राह आसान नहीं है और भाजपा की अंदरूनी हालत अच्छी नहीं है। इसके आलावा कई तरह के सर्वे में पार्टी और इंटेलिजेंस की गोपनीय रिपोर्ट ने भी बीजेपी के आलाकमान की मुश्किलें बढ़ाने का काम किया है।

इस वजह से मध्य प्रदेश को लेकर पीएम मोदी से लेकर अमित शाह नई रणनीति बनाने में जुट गए है। भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद पता चल सकता है कि मध्य प्रदेश में भाजपा का अगला कदम क्या हो सकता है। इस पर ऐसा लग रहा है कि विधानसभा चुनाव मोदी के नाम पर लड़ा जाये।

अगर वहां पर संगठन में नेतृत्व बदलाव होता है तो केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, आदिवासी नेताओं में फग्गन सिंह कुलस्ते, राज्यसभा सदस्य डॉ सुमेर सिंह के साथ राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के नाम पर बीजेपी कोई बड़ा फैसला कर सकती है।

गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का नाम भी सुर्खियों में है जबकि प्रभारी के मामले में बार-बार ओम प्रकाश माथुर का नाम ही सामने आता है। बीजेपी को ये भी तय करना है कि मध्य प्रदेश में सही लोगों को टिकट दिया जाये नहीं तो साल 2018 वामली स्थिति पैदा हो सकती है।

टिकट वितरण पार्टी के भीतरी और बाहरी सर्वे पर ही टिका होगा। इस साल होने वाला विधान सभा चुनाव किसी सेमीफाइनल से कम नहीं होगा क्योंकि इसके ठीक बाद यानी 2024 में लोकसभा चुनाव होना है। कांग्रेस के लिए राहुल गांधी कड़ी मेहनत कर रहे हैं और उनकी भारत जोड़ो यात्रा मोदी के लिए किसी टेंशन से कम नहीं है।

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com