जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। पाकिस्तान इस वक्त बर्बादी की तरफ बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। दरअसल डिफॉल्टर होने के कगार पर खड़े पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार पिछले 8 साल के निचले स्तर पर आ गया है। इसका नतीजा ये हुआ कि पाकिस्तान के पास अब सिर्फ तीन हफ्ते का खर्चा ही बचा है।
जब से वहां की जनता को पता चला है तब से वहां पर हाहाकार मचा हुआ है। बता दें कि पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग 5 अरब डॉलर हो गया है जो कि पिछले 8 सालों में सबसे कम है।
ये पाकिस्तान के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है। हालांकि वहां की मौजूदा सरकार देश की इकोनॉमी को बेहतर करने की बात जरूर कर रही है लेकिन इसका असर फिलहाल देखने को नहीं मिल रहा है।
पाकिस्तान के अखबार, डॉन की माने तो 30 दिसंबर 2022 को समाप्त सप्ताह के दौरान स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तानका फॉरेक्स रिजर्व आठ साल के निचले स्तर 5.576 अरब डॉलर पर आ गया।
पाकिस्तान भारी विदेशी कर्ज में डूबा है। सप्ताह के दौरान स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने 245 अरब डॉलर का अपना विदेशी कर्ज चुकाया और इसी कारण फॉरेक्स रिजर्व में भारी गिरावट देखी गई।

गठबंधन सरकार के सामने फिलहाल सबसे बड़ी आर्थिक चुनौती है, विदेशी कर्ज चुकाना. पाकिस्तान ने चीन, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, विश्व बैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से कर्ज लिया है लेकिन अब उसके पास इतने पैसे नहीं हैं कि वो अपना विदेशी कर्ज चुका सके।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून को सूत्रों ने ने जानकारी दी है कि इस पूरे मामले पर शहबाज शरीफ ने IMF चीफ से अनुरोध किया कि वो अगली किस्त को लेकर नए करों की शर्त पर एक बार फिर विचार करें।
चार दिनों बाद शहबाज शरीफ बाढ़ पीड़ितों के लिए जिनेवा सम्मेलन के मौके IMF चीफ से मिलने वाले हैं। वहीं, डॉन के मुताबिक, अगली किश्त जारी करने के लिए IMF के साथ बातचीत फिर से शुरू करने के कई प्रयास अब तक विफल रहे हैं।
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