जुबिली न्यूज डेस्क
बसपा सुप्रीमो मायावती ने शनिवार को ट्वीट कर कहा कि देश में महंगाई, बेरोगजारी और गरीबी अब चुनावी और राजनीतिक चिंता नहीं रहे लेकिन फिर भी सरकारों का इन मुद्दों के प्रति उदार बने रहना उचित नहीं है। सरकार को इन समस्याओं के समाधान के लिए जीजान से जुटना चाहिए।

गरीबी व पिछड़ेपन से लाचारी व महंगाई की मार
उन्होंने ट्वीट कर कहा कि देश में व्याप्त गरीबी व पिछड़ेपन से लाचारी व महंगाई की मार तथा बेरोजगारी से त्रस्त मेहनतकश लोग हर दिन आटा, दाल-चावल व नमक-तेल आदि के महंगे दाम को लेकर सरकार को कोसते रहते हैं किन्तु वह इसका जवाब देने व उपाय ढूंढने के बजाय ज्यादातर खामोश बनी रहती है, ऐसा क्यों? अब आटा का दाम भी एक साल में काफी महंगा होकर लगभग 37 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गया है।
प्रगति व जनता की उन्नति में रोढ़ा बनना दुःखद
भारत जैसे विशाल आबादी वाले देश में यहां वर्षों से व्याप्त विचलित करने वाली गरीबी, बेरोजगारी और महंगाई आदि अब असली राजनीतिक एवं चुनावी चिंता नहीं रही है तब भी सभी सरकारों को इनके प्रति उदासीन बने रहकर देश की प्रगति व जनता की उन्नति में रोढ़ा बने रहना अनुचित व दुःखद है।
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