जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। ब्रिटेन में महाराष्ट्र जैसे सियासी घमासान के बाद प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। पिछले महीने किसी तरह से ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन अपनी कुर्सी बचाने में कामयाब हुए थे लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो सका।
उनकी कुर्सी चली गई है। ब्रिटेन में चार कैबिनेट मंत्री समेत 40 मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद बोरिस जॉनसन पर भी इस्तीफे का दबाव बढ़ गया।हालांकि, जब तक नया प्रधानमंत्री नहीं चुन लिया जाता, तब तक वो इस पद पर बने रहेंगे।

बता दे कि उनकी कुर्सी पर खतरा मंडरा रहा था क्योंकि ऋषि सुनक और साजिद जाविद के बाद अब जॉन ग्लेन और विक्टोरिया एटकिन्स ने भी मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है।
वहीं ऋषि सुनक और साजिद जाविद दोनों पीएम जॉनसन के करीबी माने जाते हैं। पिछले दो दिनों में 4 मंत्रियों के कैबिनेट छोड़ने से प्रधानमंत्री जॉनसन पर भी इस्तीफा देने का दबाव बढ़ गया था ।
हालांकि अब खुद पीएम बोरिस जानसन भी मान रहे हैं कि उनके ऊपर अब दबाव बन गया है। उन्होंने अपनी गलती को माना है कि संसद के एक दागदार सदस्य को सरकार के अहम पद पर नियुक्त करना गलत था। जिसके बाद वित्त मंत्री ऋषि सुनक समेत सरकार के वरिष्ठ कैबिनेट मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया।
इससे पहले जून में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की कुर्सी बच गई थी क्योंकि उन्होंने विश्वास प्रस्ताव में जीत हासिल कर ली थी । इससे पहले उनकी कुर्सी जाने का खतरा मंडरा रहा था।
211 सांसदों को वोट के साथ ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अपनी कुर्सी को बचा लिया था । दरअसल बीते कुछ दिनों से ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन बढ़ती महंगाई और पार्टीगेट स्कैंडल के चलते विपक्ष के निशाने पर थे लेकिन अब उनके प्रधानमंत्री बने रहने का रास्ता साफ हो गया था ।
इस जीत से एक बात तो साफ हो गई अब उनको कम से कम 12 महीनों तक किसी अन्य अविश्वास प्रस्ताव का सामना नहीं करना होगा। ब्रिटेन की मीडिया की माने तो अविश्वास प्रस्ताव के लिए कुल 359 वोट डाले गए थे।
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