जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने सेक्स वर्क को प्रोफेशन बताते हुए कहा है कि सहमति से सेक्स वर्क करने वाली महिलाओं को पुलिस परेशान न करे. सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की पुलिस को दिया है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सहमति से सेक्स करने वाली वयस्क महिला के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने सेक्स वर्कर्स को समान सुरक्षा और गरिमा का हकदार बताया है. जस्टिस एल. नागेश्वर राव, बी.आर.गवई और एएस बोपन्ना की पीठ ने सेक्स वर्कर्स के अधिकारों को सुरक्षित रखने की बात कही है.

सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस को यह साफ़ किया है कि अगर सेक्स वर्कर वयस्क है और अपनी मर्जी से ऐसा काम कर रही है तो पुलिस को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए, क्योंकि इस देश में हर व्यक्ति को सम्मानजनक ज़िन्दगी जीने का हक़ है. सुप्रीम कोर्ट ने सेक्स वर्कर्स के साथ रहने वाले बच्चो और नाबालिग लड़कियों के साथ सम्मानजनक व्यवहार करने को कहा है.
अदालत का कहना है कि बच्चो को माँ से अलग नहीं किया जा सकता. अगर किसी सेक्स वर्कर की नाबालिग लड़की साथ में रहती है तो पुलिस बगैर सबूत उसे यह कहकर परेशान नहीं कर सकती कि उस नाबालिग लड़की को कहीं से तस्करी कर लाया गया है. पुलिस को यह अधिकार नहीं है कि किसी भी सेक्स वर्कर के साथ अपमानजनक तरीके से पेश आये.

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