जुबिली स्पेशल डेस्क
कैप्टन के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के साथ भी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू का टकराव देखने को मिल रहा है।
जब कैप्टन ने कुर्सी छोड़ी तब लग रहा था कि सिद्धू जीत गए है लेकिन इसके बाद भी नये सीएम के साथ उनके रिश्तों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है।
सिद्धू बार-बार सरकार में दखलअंदाजी करने की कोशिशों में लगे हुए लेकिन पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने इस बार सिद्धू को कड़ा संदेश दिया है।

दरअसल सीएम चन्नी ने एपीएस देओल का राज्य के एडवोकेट जनरल के पद से दिए इस्तीफे को नामंजूर करने का बड़ा कदम उठाया है। ऐसे में सिद्धू के लिए बड़ी परेशानी हो सकती है। सिद्धू लगातार एपीएस देओल को लेकर कड़ा रूख अपनाये हुए थे। कहा तो यह भी जा रहा है कि पंजाब कांग्रेस चीफ के पद से इस्तीफे के पीछे एक वजह एपीएस देओल की नियुक्ति भी थी।
सिद्धू का आरोप था कि एपीएस देओल ने कोटकपुरा फायरिंग के दो आरोपियों की पैरवी की थी। ऐसे में सिद्धू चाहते थे कि वो अपना पद छोड़ दे लेकिन चन्नी ने अब उनका इस्तीफा नामंजूर कर एक बार फिर सिद्धू के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
देश के जाने-माने न्यूज चैनल की माने तो पंजाब सरकार के खिलाफ सिद्धू की बयानबाजी की वजह से चन्नी सरकार काफी गुस्से में और इसका नतीजा यह रहा कि एपीएस देओल का इस्तीफा पंजाब सरकार ने नहीं स्वीकार किया।
बता दें कि पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के वरिष्ठ वकील एपीएस देओल को सितंबर में पंजाब के एडवोकेट जनरल पद से अतुल नंदा के इस्तीफे के बाद इस पत्र पर उनको तैनात किया गया था।
पंजाब में कांग्रेस अब तक सिद्धू की बयानबाजी की वजह से काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। पहले कैप्टन और चन्नी के खिलाफ सिद्धू ने मोर्चा खोल रखा है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि आखिर क्यों नहीं पंजाब में कांग्रेस मजबूत हो पा रही है।
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