Wednesday - 10 January 2024 - 7:19 PM

क्वॉड समिट के बाद साझे बयान में क्या कहा गया?

जुबिली न्यूज डेस्क

पहली बार अमेरिका के व्हाइट हाउस में क्वॉड देशों के नेता समिट में आमने-सामने मिले। क्वॉड गुट में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, भारत और जापान हैं।

जानकार इस गुट को इंडो-पैसिफिक में चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने की रणनीति के तौर पर देखते हैं। हालांकि रूस, पाकिस्तान और ख़ुद चीन भी इसे चीन विरोधी गुट कहता है।

शुक्रवार को जब क्वॉड के बैनर तले अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री पीएम स्कॉट मॉरिसन मिले तो ऐसी उम्मीद की जा रही थी कि समिट के बाद साझे बयान में चीन को लेकर कोई आशंका या संकल्प जैसी बात होगी, लेकिन व्हाइट हाउस की वेबसाइट पर जो साझा बयान पोस्ट किया गया है, उसमें चीन का नाम तक नहीं है।

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वहीं साझे बयान में चीन का जिक्र नहीं होने पर इंडो-पैसिफिक के रक्षा विश्लेषक डेरेक जे. ग्रॉसमैन ने ट्वीट कर कहा है, ”साझे बयान में चीन के बारे में कुछ भी नहीं कहा गया है। मुझे लगता है कि क्वॉड देशों के नेताओं ने फैसला किया होगा कि चीन को ऐसा कोई मौका नहीं देना है, जिससे वो कहने लगे कि क्वॉड का गठन उसके खिलाफ किया गया है। हालांकि हम सब जानते हैं कि क्या हो रहा है।”

वहीं राष्ट्रपति बाइडन ने क्वॉड समूह को लेकर कहा कि यह समूह लोकतांत्रिक साझेदारों का है, जो भविष्य को लेकर एक तरह की सोच रखते हैं।

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उन्होंने कहा कि, ”कोविड, जलवायु परिवर्तन और उभरती नई टेक्नॉलजी की चुनौतियों से निपटने के लिए हम एकजुट हुए हैं। जब हम छह महीने पहले मिले थे तो इंडो-पैसिफिक में मुक्त आवाजाही को लेकर प्रतिबद्धता जाहिर की थी। मैं अब कह सकता हूं कि इसे लेकर हमने काफी प्रगति की है।”

ऐसी ही बातें ऑस्ट्रेलिया, जापान और भारत के प्रधानमंत्रियों ने भी कहीं। किसी ने भी चीन का नाम नहीं लिया।

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