जुबिली स्पेशल डेस्क
अफगानिस्तान में तालिबान का पूरा कब्जा हो गया है। तालिबान का खौफ इतना ज्यादा है लोग वहां से पलायन कर दूसरे देशों में जाने को मजबूर हो गए है। उधर तालिबान ने सत्ता पर काबिज होने से पहले उसने अफगानिस्तान की जेलों में बंद खूंखार आतंकियों को रिहा कराना शुरू कर दिया है।
जानकारी के मुताबिक 2300 खूंखार आतंकियों को रिहा कराया जा चुके हैं। इसमें टीटीपी के डिप्टी चीफ फकीर मोहम्मद को रिहा कराया जा चुका है। जानकारी मिल रही है कि अफगानिस्तान की जेलों में बंद आतंकी तहरीक ए तालिबान, अल कायदा और आईएसआईएस के लोगों को जेल से बाहर निकाल लिया गया है।
ये लोग कंधार, बगराम और काबुल की जेल में काफी समय से बंद थे। मौलवी फकीर मोहम्मद की बात करें तो वह टीटीपी का पूर्व डिप्टी चीफ है। उनके छूटने से पाकिस्तान के साथ-साथ अफगानिस्तान के लिए आने वाले समय में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। 20 साल बाद एक बार फिर वहां पर तालिबान सत्ता पर काबिज होता नजर आ रहा है।

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तालिबान ने 15 अगस्त के दिन काबुल में प्रवेश कर लगभग पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था। तालिबान के खौफ के आगे 72 वर्षीय राष्ट्रपति अशरफ गनी नकदी से भरा हेलीकॉप्टर लेकर काबुल छोडऩे पर मजबूर हो गए और देश छोड़कर चले गए है।
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर तालिबान का कब्जा होने के बाद से अधिकतर देशों ने अपने दूतावास के कर्मचारियों को निकालना शुरु कर दिया है। भारत ने भी मंगलवार को अपना दूतावास खाली करने का फैसला किया।
बता दें कि अफगानिस्तान में अब केवल तीन देश रह जायेंगे जिनके दूतावास खुले हैं। जिन देशों के दूतावास खुले हैं उनमें रूस, चीन और पाकिस्तान शामिल हैं।
वहीं इंडोनेशिया ने कहा है कि वो अफगानिस्तान का अपना दूतावास बंद करेगा, लेकिन वहां पर एक ‘छोटा कूटनीतिक मिशन’ रखना जारी रखेगा।
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