जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। लोकसभा में केंद्र की मोदी सरकार ने सोमवार को संविधान संशोधन बिल पेश किया है। इस बिल की खास बात यह है कि राज्यों को भी ओबीसी लिस्ट तैयार करने का अधिकार मिलेगा।
इसके बिल से राज्यों को आसानी हो सकती है क्योंकि वो अब अपने तरीके से ओबीसी समुदाय की लिस्ट तैयार कर सके। संशोधित बिल के पास होने जाने के बाद राज्यों को इसके लिए केंद्र पर निर्भर नहीं रहना होगा।
उधर योगी सरकार इसको लेकर बड़ा कदम उठाने की तैयारी में है। सरकार से मिली जानकारी के अनुसार यूपी में राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग प्रदेश की 39 जातियों को अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल करने का मन बना लिया है।
इतना ही नहीं इसको लेकर आयोग यूपी सरकार को संस्तुति भेजेगा। राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष जसवंत सैनी ने इसको लेकर मीडिया को जानकारी दी है और कहा है कि प्रत्यावेदन के आधार पर जातियों के सर्वे पहले से चल रहा है।

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इसके साथ ही 24 जातियों का सर्वे पूरा कर लिया गया है और अब 15 जातियों का सर्वे होना केवल बचा है। मौजूदा समय में यूपी में 79 जातियां ओबीसी की सूची में शामिल हैं। इसका मतलब यह है कि इनकी आबादी प्रदेश की कुल जनसंख्या का 54 प्रतिशत कही जा सकती है।
इन जातियां को ओबीसी में शामिल किया जा सकता है
भूर्तिया, अग्रहरि, दोसर वैश्य, जैसवार राजपूत, रूहेला, मुस्लिम शाह, मुस्लिम कायस्थ, हिन्दू कायस्थ, बर्नवाल, कमलापुरी वैश्य, कोर क्षत्रिय राजपूत, दोहर, अयोध्यावासी वैश्य, केसरवानी वैश्य, बागवान, ओमर बनिया, माहौर वैश्य, हिन्दू भाट, भट्ट, गोरिया, बोट, पंवरिया, उमरिया, नोवाना, मुस्लिम भाट।
इन जातियों के लिए सर्वे होगा
विश्नोई, खार राजपूत, पोरवाल, पुरूवार, कुन्देर खरादी, बिनौधिया वैश्य, सनमाननीय वैश्य, गुलहरे वैश्य, गधईया, राधेड़ी, पिठबज। बता दें कि हाल में इस बिल को केंद्र की मोदी कैबिनेट ने अपनी हामी भरते हुए इसपर अपनी मुहर लगायी थी।
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