जुबिली स्पेशल डेस्क
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला टी-20 मुकाबला कैनबरा के मैदान पर खेला गया। इस मुकाबले में भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए सात विकेट पर 161 रन का मामूली स्कोर बनाया।
जवाब में ऑस्ट्रेलिया की टीम 20 ओवर में सात विकेट पर 150 रन का स्कोर ही बना सकी। इस तरह से भारत की टीम ने यह मुकाबला 11 रन से अपने नाम कर लिया।
इस मुकाबले में रोचक बात यह रही कि भारतीय टीम की प्लेइंग 11 में युवा स्पिनर युजवेंद्र चहल को शामिल नहीं किया गया था लेकिन दूसरी पारी में चहल न सिर्फ मैदान पर उतरे बल्कि गेंदबाजी भी की।
चहल की गेंदबाजी की बदौलत भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को आसानी से काबू कर लिया। ऐसे में हर कोई जानना चाहता है कि चहल आखिर कैसे मैदान में उतरी और गेंदबाजी की जबकि उनको प्लेइंग 11 में नहीं चुना गया था।
कैनबरा टी20 में प्लेइंग-XI में शामिल ना होने के बावजूद स्पिनर युजवेंद्र चहल को गेंदबाजी के लिए बुलाया गया। उन्हें रविंद्र जडेजा की जगह कनकशन सब्स्टीट्यूट के तौर पर उतारा गया।

इस नियम के तहत चहल खेले
नए नियम के मुताबिक अगर कोई खिलाड़ी चोटिल होता है तो उसकी जगह दूसरा खिलाड़ी टीम में शामिल किया जा सकेगा। वह बॉलिंग, बैटिंग और विकेटकीपिंग भी कर सकेगा।
ऐसे खिलाड़ियों को ‘कन्कशन सब्स्टिट्यूट’ कहा जाएगा। कन्कशन सब्स्टिट्यूट को मैदान पर उतारने का फैसला मैच रेफरी करेंगे।

नियम में स्पष्ट है कि जैसा खिलाड़ी चोटिल हुआ है, उससे मिलता-जुलता खिलाड़ी ही टीम में ला सकते हैं. जैसे स्पेशलिस्ट बल्लेबाज की जगह बल्लेबाज या गेंदबाज की जगह गेंदबाज।
आईसीसी ने कहा था कि कन्कशन सब्स्टिट्यूट पर निर्णय टीम मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव लेगा। इसे मैच रैफरी ही अप्रूव करेगा।
‘ आईसीसी की बैठक में कन्कशन सब्स्टिट्यूट सिर्फ टेस्ट में लागू करने की चर्चा हो रही थी, लेकिन आखिरी में इसे सभी फॉर्मेट में लागू किया गया।
साथ ही यह महिला क्रिकेट में भी लागू होगा। फिलहाल इस नियम को दो साल के लिए ही लागू किया गया है. इसके बाद रिव्यू के आधार पर ही इसे आगे बढ़ाया जाएगा।
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