14 मंत्रियों ने भी साथ में ली शपथ
जुबिली स्पेशल डेस्क
पटना। तमाम कयासों के बीच आखिरकार नीतीश कुमार सातवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बन गए है। नीतीश कुमार को सोमवार की शाम मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलायी गई है।
बिहार के राज्यपाल फागू चौहान नीतीश कुमार को पद और गोपनीयता की शपथ दिलायी है। शपथ ग्रहण समारोह में नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्रीय मंत्रिमंंडल के गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी राजभवन में मौजूद थे। हालांकि आरजेडी ने इस शपथ ग्रहण समारोह से दूरी बना रखी है।

नीतीश सरकार में दो उपमुख्यंत्री को भी शपथ दिलायी गई है। बीजेपी कोटे से दो डिप्टी सीएम के रूप में तार किशोर प्रसाद और रेणु देवी शपथ दिलायी गई है।
- विधानसभा अध्यक्ष रहे विजय चौधरी को भी मंत्री पद की शपथ दिलायी गई है।
- जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष अशोक चौधरी को भी मंत्री पद की शपथ दिलायी गई है
- बिजेंद्र यादव को भी मंत्री पद की शपथ दिलायी गई है।
- मधुबनी के फुलपरास से विधायक शीला मंडल को मंत्री पद की शपथ दिलायी गई है।
- मुंगेर के तारापुर से विधायक मेवालाल चौधरी ने ली मंत्री पद की शपथ दिलायी गई है।
- VIP प्रमुख मुकेश सहनी ने ली मंत्री पद की शपथ दिलायी गई है।
- HAM कोटे से जीतनराम मांझी के पुत्र संतोष सुमन ने ली मंत्री पद की शपथ दिलायी गई है।
- JDU की शीला मंडल ने ली मंत्री पद की शपथ, मधुबनी के फुलपरास से हैं विधायक दिलायी गई है।
- बिहार के स्वास्थ्य मंत्री रहे मंगल पांडेय BJP कोटे से फिर बने मंत्री, शपथ दिलायी गई है।
- आरा से 5वीं बार विधायक चुने गए अमरेंद्र प्रताप सिंह ने ली मंत्री पद की दिलायी गई है शपथ।
- दरभंगा के जाले से विधायक जीवेश कुमार ने मैथिली में ली मंत्री पद की दिलायी गई है शपथ।
- बीजेपी के रामप्रीत पासवान बने मंत्री, मैथिली में ली शपथ।

जुबिली पोस्ट ने दो दिन पहले ही बता दिया था कि यूपी की तरह बिहार में भी दो डिप्टी सीएम बनाये जाएगे। इसके साथ ही बिहार में नई सरकार का गठन भी हो गया है।
हालांकि बीते कुछ दिनों से बिहार में सियासी उठापटक देखने को मिल रही थी। निर्दलीय के समर्थन के साथ ही एनडीए के पास कुल 126 सीटें है। ऐसे में बहुमत से चार सीटे ज्यादा है। दूसरी ओर महागठबंधन के पास केवल 110 सीटे हैं।
बता दें कि बिहार में एनडीए की सरकार बनने जा रही है। हालांकि इस बार नीतीश कुमार का रोल बदला हुआ नजर आ रहा है। दरअसर इस चुनाव में नीतीश की पार्टी ने उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं किया और नीतीश कुमार की अध्यक्षता वाली जेडीयू 43 सीटे ही जीत सकी है।
दूसरी ओर बीजेपी ने 74 सीटें जीतकर अपना दबदबा कायम किया है। ऐसे में बिहार में अब नीतीश बड़े भाई के रोल में नहीं होंगे। इस वजह से उनके लिए सत्ता चालाना काफी मुश्किल भरा हो सकता है।
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