जुबिली स्पेशल डेस्क
बिहार में नीतीश कुमार बनाम तेजस्वी यादव के बीच रोचक मुकाबला देखने को मिल रहा है। दरअसल बिहार चुनाव की घोषणा से पूर्व नीतीश कुमार का पलड़ा भारी लग रहा था लेकिन तेजस्वी यादव की रैलियों में जुटती भीड़ ने पूरे एनडीए के कुनबे में हलचल मचा डाली है।
इसका नतीजा यह रहा कि जो चुनाव नीतीश के लिए आसान लग रहा था अब उनके लिए चुनौती बनता जा रहा है। आलम तो यह है कि नीतीश कुमार जो हमेशा शांत स्वभाव के जाने जाते हैं लेकिन सीएम मंच से अपना आपा खोते नजर आए।
इतना ही नहीं एक तेजस्वी यादव को रोकने के लिए पूरा एनडीए कुनबा एक होकर बिहार चुनाव में उतरता नजर आ रहा है। इसके आलावा पीएम मोदी भी लालू यादव पर तंज कस रहे हैं।

हालांकि बीजेपी को पहले से ही एहसास हो गया था कि नीतीश पर शायद ही जनता भरोसा करे, इसलिए पीएम मोदी के चेहरे को आगे कर सत्ता हासिल करने की कोशिशों में पूरा एनडीए जुटा है।
अगर तेजस्वी यादव की बात की जाये तो वो इस चुनाव में केवल युवाओं को लेकर ही बात कर रहे हैं। तेजस्वी यादव अपने चुनाव अभियान में पीएम मोदी के बजाये नीतीश कुमार पर पूरा फोकस कर रखा है।

तेजस्वी बार-बार अपनी रैलियों में नीतीश के 15 साल के कामकाज पर सवाल उठा रहे हैं और रोजगार के मुद्दा उठाकर नीतीश को सत्ता से बेदखल करना चाहते हैं।
अगर कहा जाये बिहार के चुनावी दंगल में रोजगार मुख्य मुद्दा बनता नजर आ रहा है और यही शायद नीतीश कुमार को परेशानी में डाल सकता है।

तेजस्वी यादव पर युवा कर रहे हैं भरोसा!
बहुत सारे चुनाव कवर कर चुके वरिष्ठ पत्रकार सुरेंद्र दुबे ने जुबिली पोस्ट से बातचीत में कहा कि नीतीश कुमार के लिए इस बार राह आसान नहीं है।
उन्होंने बताया कि तेजस्वी यादव ने रोजगार के मुद्दे को उठाया और चुनाव भी इसी मुद्दे पर लड़ते नजर आ रहे हैं। इस वजह से एकाएक वहां पर चुनावी हवा बदलती दिख रही है।
सुरेंद्र दुबे कहते हैं कि बिहार में जिस प्रकार से रोजगार का मुद्दा अब सुर्खियों में , इससे साफ पता लग रह है कि रोजगार के मुद्दे पर बिहार की राजनीतिक हवा बदल रही है। उन्होंने बताया कि विपक्ष रोजगार के मुद्दे उठाता जरूर है, लेकिन कभी ऐसा नहीं दिखा कि यह चुनाव का प्रमुख मुद्दा बना हो लेकिन बिहार में इसका गहरा असर देखने को मिल रहा है।

उन्होंने कहा कि तेजस्वी को रोकने के लिए पीएम मोदी भी मैदान में उतर आए और तेजस्वी यादव को जंगलराज का युवराज बता डाला है। हालांकि तेजस्वी यादव अपना चुनावी अभियान होशियारी से चला रहे हैं और उनको पीएम मोदी से कोई मतलब नहीं।
तेजस्वी का पूरा फोकस नीतीश कुमार पर है और वो रोजगार का मुद्दा उठाकर उनको सत्ता से हटाना चाहते हैं। युवाओं के पास भी ज्यादा विकल्प नहीं है। तेजस्वी यादव शिक्षा और रोजगार की बात कर रहे हैं जो एक तरह से युवाओं का उनपर भरोसा हो सकता है।
यह भी पढ़ें : आरक्षण पर नीतीश कुमार का क्या है नया दांव?
यह भी पढ़ें : ‘योगीराज में किसान बेहाल, जमाखोर मालामाल’
यह भी पढ़ें : टाटा कंस्ट्रक्शन के इंजीनियर बनाएंगे भव्य राम मन्दिर
यह भी पढ़ें : डाक्टर बनते-बनते मिस इंडिया यूनीवर्स बन गई वैष्णवी
महँगाई ने आम आदमी का जीना मुहाल कर दिया है। प्याज़ ने शतक लगा दिया है।
बीजेपी वालों के लिए पहले महँगाई डायन थी, अब भौजाई है। ड़बल इंजन सरकार महँगाई, बेरोजगारी और ग़रीबी पर विमर्श ही नहीं करना चाहती।
तेघड़ा विधानसभा में सीपीआई के महागठबंधन प्रत्याशी के पक्ष में उमड़ा जनसैलाब pic.twitter.com/76Uw4w718T
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) October 30, 2020
Jubilee Post | जुबिली पोस्ट News & Information Portal
