
जुबली न्यूज़ डेस्क
कोरोना वायरस के चलते दुनियाभर में कई तरह के बदलाव देखने को मिल रहे हैं। कोरोना का कहर अभी भी जारी है इसलिए निकट भविष्य में अभी और भी आर्थिक-सामाजिक बदलाव होने की सम्भावना है। ऐसे में हर क्षेत्र के कारोबारी अपनी योजनाएं बनाने में जुटे हैं साथ ही तरह-तरह के सर्वे भी किए जा रहे हैं जिससे आने वाले बदलाव को समझा जा सके।
ऐसे ही एक सर्वे में दावा किया गया है कि इस महामारी के चलते रियल एस्टेट क्षेत्र में भी बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। ऐनारोक प्रोपर्टी कंसल्टेंट्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वर्क फ्रॉम होम के बढ़ते चलन के कारण लोग अब अपने ऑफिस के नजदीक घर लेने की जगह बाहरी इलाकों में घर लेने की योजना बना रहे हैं। ऐसा करके लोगों को दो तरह का फायदा होगा सबसे पहले तो शहर से दूर घर सस्ता मिलेगा और ये घर बस्ती के घरों से ज्यादा स्पेस वाले होते हैं।
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रिपोर्ट में दावा किया गया है कि, जल्दी ही नोएडा एनसीआर और मुंबई जैसे शहरों में बाहरी इलाकों में घर लेने का चलन बढेगा।
मकानों की कीमतें भी घटेगी
रियल एस्टेट प्लेटफॉर्म 99acres के एक सर्वे के मुताबिक, कोरोना वायरस के बुरे असर की वजह से कीमतें घटेंगी। इस सर्वे में बताया गया है कि, कुल भावी खरीदार जो लॉकडाउन से पहले खरीदने के लिए घर की तलाश कर रहे थे, उनमें से 40 फीसदी ने अपनी योजना को टाल दिया है। जबकि 60 फीसदी लोगों की अगले 12 महीनों तक घर खरीदने की योजना है।
इधर रियल एस्टेट कंसल्टेंसी नाइट फ्रैंक ने भारत में कमर्शियल रियल एस्टेट के जिम्मेदार लोगों के बीच एक सर्वे किया है। इसके मुताबिक, 72 प्रतिशत लोग सोच रहे हैं कि छह महीने बाद भी दफ्तर के आधे लोगों से घर से ही काम लेना जारी रखा जाए।
इतना ही नहीं कई छोटे दफ्तर चलाने वाले तो फैसला कर चुके हैं कि अब दफ्तर बंद करके किराया बचाया जाए।
फेसबुक और ट्विटर ने भी कहा है कि वे अपने बहुत से कर्मचारियों को हमेशा के लिए घर से काम करने की छूट दे रहे हैं। उधर, एक रियल एस्टेट कंपनी ने एक नए ऑफिस का डिजाइन बना दिया है, जिसमें काम करने वालों के बीच छह फुट की दूरी का इंतजाम होगा।
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