न्यूज डेस्क
कोरोना वायरस की महामारी से लड़ाई डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों के साथ-साथ पुलिस कर्मी भी अहम भूमिका निभा रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान पुलिस की एक अलग ही छवि उभर कर सामने आई है। लॉक डाउन के दौरान सख्ती से नियमों का पालन कराने के साथ-साथ गरीबों और असहाय लोगों की मदद करती पुलिस ने सबका दिल जीत लिया है। हर तरफ इनकी तारीफ हो रही है।
उत्तर प्रदेश की जनता को सुरक्षित करने के लिए रात-दिन मेहनत कर रहे पुलिसकर्मियों के लिए अब यूपी सरकार जल्द ही बीमा योजना लाने जा रही है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि कोरोना संक्रमण के नियंत्रण में लगे पुलिस कर्मियों का 50 लाख रुपये का बीमा कराया जाएगा।

पत्रकारों को इसकी जानकारी देते हुए अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने बताया कि सीएम योगी ने कहा है कि कोरोना नियंत्रण के लिए ड्यूटी कर रहे पुलिस कर्मियों का 50 लाख रुपये का बीमा किया जाए। इस संबंध में लिखित आदेश भी तुरंत जारी कर दिए जाएंगे।
उन्होंने मीडियाकर्मियों से अपील भी की कि आप लोग हॉस्पिटल में कवरेज के लिए अनप्रोटेक्टेड होकर न जाएं। मास्क का सभी लोग इस्तेमाल करें और अगर कोई भी व्यक्ति मास्क का इस्तेमाल नहीं कर रहा है तो उसे रोकने की जिम्मेदारी आपकी भी है।
कोरोना महामारी फैलने पर आजादी के बाद पहली बार उत्तर प्रदेश पुलिस ने एपेडमिक डिजीज एक्ट का इस्तेमाल किया है। पहला मुकदमा लखनऊ में सिंगर कनिका कपूर पर दर्ज किए जाने के बाद पूरे यूपी में अब तक हजारों मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। महामारी को काबू करने के लिए 100 साल से ज्यादा पुराना यह कानून आज भी कारगर साबित हो रहा है।

वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रदेश में लाकडाउन खोलने पर फैसला केंद्र से राय-मशविरा लेने के बाद ही किया जाएगा। इसके लिए प्रदेश के हालात को भी मद्देनज़र रखना बहुत जरूरी है। तबलीगी जमात के लोगों के चलते संक्रमण प्रदेश में ज्यादा फैला है। अन्यथा हम काफी हद तक कोरोना से लड़ने में सफल होने की कोशिश में लगे थे।
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