स्पेशल डेस्क
भोपाल। मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार एक बार फिर खतरे में पड़ गई। पिछले हफ्ते शुरू हुआ सियासी ड्रामा एक बार फिर जोर पकड़ रहा है।
जानकारी के मुताबिक यहां ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक 17 विधायकों के बेंगलुरु पहुंचने से एक बार फिर कमलनाथ सरकार के खतरे में पड़ती नजर आ रही है।
इतना ही नहीं इन कांग्रेसी विधायकों के फोन बंद होने की सूचना है। दूसरी ओर कांग्रेस सरकार ने बीजेपी पर हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप लगाया था। बता दें कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार बने हुए अभी 14 महीने ही हुए हैं। मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार ज्योतिरादित्य सिंधिया अपनी पार्टी से बगावत करने के मूड में नजर आ रहे हैं। जानकारी यहां तक मिल रही है कि सिंधिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिल सकते हैं। जानकारी के अनुसार, वह दिल्ली पहुंच गए हैं।

इन 9 विधायकों को कैद करने का लगा था आरोप
कांग्रेस ने पिछले सप्ताह अपने इन 9 विधायकों को बीजेपी के कब्जे में बताया था। जिसमें अनूपपुर से कांग्रेस विधायक बिसाहूलाल सिंह, पथरिया से बसपा विधायक रामबाई, सुवासरा से कांग्रेस विधायक हरदीप सिंह, निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा, भिंड से बसपा विधायक संजीव कुशवाहा और सुमावली से कांग्रेस विधायक ऐंदल सिंह कंसाना को फाइव स्टार होटल में रखे जाने का आरोप लगाया गया था। हालांकि बाद में यह सभी एमएलए वापस लौट आए थे।
क्या है विधानसभा के समीकरण
230 विधानसभा सीट वाले मध्यप्रदेश विधानसभा में इस वक्त 228 विधायक हैं। दो सीटें विधायकों के निधन के कारण खाली हैं। मौजूदा समय में कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं। जबकि बीजेपी के पास 107 विधायक हैं। वहीं, दो विधायक बीएसपी के भी हैं जबकि समाजवादी पार्टी का एक और चार निर्दलीय विधायक हैं।
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