जुबिली न्यूज डेस्क
गोरखपुर महोत्सव का मंगलवार को रंगारंग समापन हुआ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समापन समारोह में पहुंचकर इस और भी भव्य बना दिया। लेकिन मीडिया में गोरखपुर महोत्सव अपनी भव्यता के साथ-साथ एक और वजह से चर्चा में है। दरअसल, गोरखपुर महोत्सव के प्रकाशित निमंत्रण पत्र में ‘आपकी गरिमामयी उपस्थिति प्रार्थनीय है’ की जगह ‘गरियामयी’ प्रकाशित है।
इस गलती को प्रशासन के संज्ञान में लाया जा चुका था, तमाम सोशल मीडिया पर यह वायरल हो रहा था, लेकिन अधिकारियों को निमंत्रण पत्र को सीएम योगी के समक्ष रखने में जरा भी संकोच नहीं हुआ।

वहीं, जब मंच पर बैठे सीएम योगी ने निमंत्रण पत्र को देखा उसे पढ़ने लगे तो उनकी ‘गरियामयी’ शब्द पर नजर पड़ गई। उनके चेहरे की भाव भंगिमा बदल गई, लेकिन उन्होंने स्वयं को संयत कर लिया और लिफाफा खोल कार्ड अंदर डाल दिया।

आपको बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ, पिछले साल भी आमंत्रण पत्र में ठीक यही गलती हुई थी। लेकिन तब भी गड़बड़ी पकड़ में आने पर इसे ठीक कराने की जरूरत महसूस नहीं की गई थी। इस बार के आमंत्रण पत्र में ‘सोनू निगम’ का नाम भी गलती से, ‘सोनु निगम’ प्रकाशित किया गया।
गोरखपुर के ‘गौरव’ के सम्मान में पहले ही किरकिरी कराई
दूसरी ओर गोरखपुर महोत्सव के आयोजन समिति से जुड़ा प्रशासन गोरखपुर के तीन गौरव के सम्मान में अपनी लापरवाही से पहले ही किरकिरी करा चुका है।
मुख्यमंत्री ने जिन तीन गौरव, पर्यावरण विद् माइक एच पाण्डेय, वैज्ञानिक मिनाक्षी नारायण एवं वैज्ञानिक शमरेश मित्रा को 8 जनवरी को चुन कर जिला प्रशासन को सूचित कर दिया। उन्हें प्रोटोकाल के अंतर्गत निमंत्रण भेजना ही प्रशासन भूल गया। 12 की सुबह याद आया तो मोबाइल के जरिए सूचना दी। बेबस लोगों ने विनम्रता के साथ यात्रा संबंधी दिक्कते गिना दीं।
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