न्यूज डेस्क
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि मंदिर समाज को जोडऩे का काम करते हैं। धर्म का मतलब पूजा नहीं है बल्कि यह समाज को एकजुट करने और एक साथ लाने का माध्यम है।

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने यह बातें महाराष्ट्र के नागपुर में एक राम मंदिर के सौ साल पूरे होने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि पुराने समय में मंदिर सामाजिक जीवन और लोगों को एकजुट करने का केंद्र हुआ करते थे। भागवत का यह भी कहना था कि इस दौर में भी मंदिर को उसी भावना के साथ बनाया जाना चाहिए।
बीते दिनों अयोध्या मामले में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का संघ प्रमुख ने स्वागत करते हुए कहा था कि इस फैसले को जीत-हार की नजर से नहीं देखा जाना चाहिए।
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने विवादित जमीन राम मंदिर के लिए हिंदू पक्ष को दिए जाने और मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में ही किसी खास जगह पर मस्जिद बनाने के लिए पांच एकड़ जमीन देने का आदेश दिया था।
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