न्यूज़ डेस्क
आगामी विधान सभा चुनाव को लेकर प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल यादव ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने सपा में प्रसपा के विलय को सिरे से नकार दिया है लेकिन गठबंधन को राजी हैं। उनके इस बयान से हो सकता है सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की अपने चाचा शिवपाल से कुछ दूरियां कम हो जाएं।
हालांकि, आने वाले विधानसभा चुनाव में अभी दो साल का वक्त है। ऐसे में शिवपाल अभी से सपा के लिए नरम पड़ते नजर आ रहे है।
मिली जानकारी के अनुसार, रविवार को प्रसपा अध्यक्ष गाजीपुर के रास्ते कुशीनगर जा रहे थे। इस बीच उन्होंने गाजीपुर में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। इसके बाद कासिमाबाद स्थित एक निजी महाविद्यालय में उन्होंने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया।
इस बीच उन्होंने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि, मेरा प्रयास होगा कि पार्टी का गठबंधन सपा से हो जाए। गठबंधन संभव न होने पर समान विचार वाले दलों से गठबंधन का प्रयास किया जाएगा।
अयोध्या मामले पर फैसला स्वागत योग्य
इसके अलावा उन्होंने कहा कि अयोध्या मामले को लेकर देश की सबसे सर्वोच्च न्यायालय ने जो फैसला दिया है, वह स्वागत योग्य है। समाज के हर व्यक्ति को इस फैसले का सम्मान करना चाहिए। साथ ही आपसी भाई चारा बना कर रखना चाहिए।
भाजपा पर किया तीखा प्रहार
भाजपा की केंद्र व प्रदेश सरकार को जन विरोधी करार देते हुए आरोप लगाया कि सरकार की गलत नीतियों के कारण जनता महंगाई, बेरोजगारी आदि समस्याओं से जूझ रही है।
कार्यकर्ता पार्टी की रीढ़
वहीं, हमेशा की तरह इस बार भी बैठक में उन्होंने कार्यकर्ताओं को पार्टी की रीढ़ बताया और कहा कि इन्ही के बल पर उनका दल भाजपा के मंसूबे को ध्वस्त करेगा। इसके साथ ही उन्होंने पार्टी को एकजुट रहने और संगठन को सशक्त बनाने को भी कार्यकर्ताओं से कहा।
इस दौरान मौके पर मुख्य रूप से पूर्व मंत्री प्रतिनिधि असलम हुसैन, पूर्व लोकसभा प्रत्याशी संतोष यादव, जिलाध्यक्ष विजाधार सिंह यादव, बृजभान सिंह बघेल, सहित पार्टी के कई नेता मौजूद रहे।
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