स्पेशल डेस्क
लखनऊ। 2004 बैच की पीसीएस अफसर ऋतु सुहास इन दिनों सुर्खियों में है। उन्होंने 10 सितंबर को आयोजित मिसेज इंडिया-2019 का खिताब जीतकर प्रदेश का मान बढ़ा दिया है। ऋतु सुहास ने यह कारनामा देश के 20 राज्यों से 60 महिलाओं को पछाड़ किया है। सबसे रोचक बात यह है कि उन्होंने टैलेंट, कॉस्ट्यूम व प्रश्नोत्तरी राउंड में सभी प्रतिभागियों को पीछे छोड़ते हुए यह कारनामा किया है।

शुरुआती दिनों में करना पड़ा संघर्ष
ऋतु सुहास एलडीए में ज्वांइट सेकेट्री के पद पर तैनात है। ऋतु सुहास ने जीवन में काफी संघर्ष किया और एक दौर ऐसा भी था जब उनके पास अखबार के लिए सौ रुपये तक नहीं होते थे।
उन्होंने बताया कि 2003 में जब पीसीएस की तैयारी कर रही थी। आलम तो यह है कि उनके घर में फाइनेंसियल प्रॉब्लम शुरू से रही है। इतना ही नहीं घर से बाहर जाकर पढ़ाई करने पर भी लोग खुश नहीं थे लेकिन घर वालों ने पूरा साथ दिया।
मां-बाप की मदद से उन्होंने यह सफर तय किया है। इतना ही नहीं पीसीएस कोचिंग की फीस जमा करने के लिए उनके घरवालों के पास पैसा नहीं था। इस वजह से उन्होंने सेल्फ स्टडी करने का फैसला किया। इंग्लिश का पेपर पढऩे की उनको रोज आदत थी लेकिन पेपर के लिए सौ रुपये तक नहीं होते थे।

इसके बाद उन्होंने बच्चों को ट्यूशन पढ़ाना शुरू किया तब जाकर किसी तरह से उनका खर्चा चलता था। रोज शीशे के सामने बैठक अपने को तैयार करती थी। दरअसल पीसीएस इंटरव्यू के लिए रोज शीशे के सामने बोलती थी।
बूथ दोस्त ऐप बनाकर आ गई थी सुर्खियों में
ऋतु सुहास ने बूथ दोस्त नाम से एक खास तरह का मोबाइल एप तैयार कर सुर्खियों में आ गई थी। इसका प्रयोग निकाय चुनाव में किया गया जो बेहद सफल मान गया। इलेक्शन कमीशन ने ऋ तु के इस काम की तारीफ की। इस ऐप की मदद से 30 हजार नये वोटरों को खोज निकाला गया।
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