न्यूज डेस्क
प्रबंधन की पढ़ाई में दुनिया की चुनिंदा संस्थाओं में शामिल इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ लखनऊ में रविवार को सीएम योगी आदित्यनाथ अपने पूरे मंत्रिमंडल के साथ लीडरशिप और मैनेजमेंट ट्रेनिंग लेने पहुंचे हैं। यहां योगी आदित्यनाथ के मंत्रियों को आईआईएम के प्रोफेसर आर्थिक मुद्दों पर लेक्चर देंगे और राज्य की आर्थिक और सामाजिक तरक्की पर चर्चा करेंगे।
क्लास में चर्चा के दौरान देश के चार टॉप राज्यों से उत्तर प्रदेश की तुलना की जाएगी। ये तुलना अहम मानकों पर होगी। इसके बाद नेतृत्व और विजन पर चर्चा होगी।
योगी मंत्रिमंडल के लिए खासतौर पर इस कैप्सूल कोर्स को शुरू किया गया है। इस कोर्स के दौरान योगी के मंत्री आईआईएम लखनऊ में सुशासन, प्रबंधन, कौशल, जनभागीदारी और नेतृत्व का पाठ पढ़ेंगे। क्लास के दौरान मंत्री सवाल भी पूछ सकेंगे। वहीं, लंच के बाद मंत्री फिर क्लास में पढ़ने के लिए पहुंच जाएंगे।

लंच के बाद मंत्रियों के समूह अपना प्रजेंटेशन देंगे और उस पर सवाल-जवाब होगा। इसके बाद नेतृत्व, दृष्टिकोण और नैतिक नेतृत्व पर एक सत्र होगा। क्लास समाप्त होने के बाद मंत्रीगण कुछ किताबें, साहित्य और कुछ ‘होमवर्क’ के साथ घर लौटेंगे। यह पहला मौका होगा जब यूपी की कोई सरकार अपने मंत्रियों को देश के श्रेष्ठ प्रबंधन संस्थान में शुमार आईआईएम से प्रशिक्षण दिलाएगी।
ट्रेनिंग मॉड्यूल ‘मंथन’
नए मंत्रियों से बेहतर परिणाम और पुरानों को अपडेट करने के लिए योगी सरकार के कहने पर आईआईएम लखनऊ ने 3 दिन का विशेष ट्रेनिंग मॉड्यूल ‘मंथन’ तैयार किया है। अगले तीन रविवार तक योगी सरकार के मंत्री इस मंथन सत्र की क्लास करेंगे।
टीम वर्क पर होगा खास जोर
आईआईएम के सूत्रों के अनुसार, ट्रेनिंग प्रोग्राम को इस तरह से तैयार किया गया है कि मंत्रियों को विषय को व्यवहारिक ढंग से समझाया जा सके। ट्रेनिंग प्रोग्राम में टॉस्क, सवाल-जवाब और समूह चर्चा के भी सत्र रखे गए हैं। इसके लिए मंत्रियों को अलग-अलग समूह में बांटा गया है जिससे टीम-वर्क के रूप में काम करने की उनकी दक्षता आंकी जा सके।
सुबह 9.40 से 10.45 का पहला आईआईएम की निदेशक प्रोफेसर अर्चना शुक्ल का होगा, जिसमें प्रोफेसर पुष्पेंद्र प्रियदर्शी और प्रोफेसर निशांत उप्पल भी उनका साथ देंगे।
चर्चा के दौरान मंत्रियों को ग्रुप डिस्कशन
ट्रेनिंग के दौरान मंत्रियों को संचार और प्रभावी तरीके से अपनी बात कहने के गुर भी सिखाए जाएंगे। आईआईएम की इस क्लास में वित्तीय प्रबंधन, फाइलों के जल्द निस्तारण और बजट के अच्छे और प्रभावी इस्तेमाल पर भी बात होगी। चर्चा के दौरान मंत्रियों को ग्रुप डिस्कशन का भी मौका मिलेगा।
तीन रविवार को होगी क्लास
ट्रेनिंग का ये दौर अगले दो और रविवार यानी 15 सितंबर और 22 सितबंर को भी चलेगा। दूसरे रविवार को नीति को गढ़ने और उनके कार्यान्वयन पर चर्चा होगी। इस दौरान मंत्रियों को प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग और कंट्रोल सिस्टम पर भी ट्रेनिंग दी जाएगी। वहीं, तीसरे रविवार को निर्णय लेने की क्षमता, रिस्क असेसमेंट और राजनीतिक नेतृत्व पर चर्चा की जाएगी।
किसके सुझाव पर शुरू हुआ ‘कैप्सूल कोर्स’
सूत्रों के अनुसार आईआईएम के साथ ट्रेनिंग मॉड्यूल तैयार करने की सलाह मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार केवी राजू ने दी थी। नए मंत्री भी सरकार की गति के साथ तालमेल कर सकें, उसके लिए सीएम को यह आइडिया काफी पसंद आया।
चूंकि मंत्रिमंडल अधिकतर चेहरे युवा हैं और कई पहली बार मंत्री बने हैं, इसलिए अल्प समय में शासन के संचालन से समन्वय बनाने के लिए भी यह कवायद सीएम को भा गई। उनके निर्देश पर इसकी कार्ययोजना तैयार की गई है। सीएम ने शपथ ग्रहण के दिन ही शाम को मंत्रियों की क्लास लगाई थी और गुरुवार को भी राजभवन में सरकार के काम-काज से अवगत कराया।
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