
न्यूज डेस्क
‘यह बहुत समझ-बूझकर किया जाता है। फेसबुक और ट्विटर समते तमाम प्लेटफॉर्म से गलत सूचनाएं दी जा रही हैं और दोनों तरफ से अफवाहें फैलाई जा रही हैं। एक तरफ पाकिस्तानी यूजर्स पुराने विडियो डालकर उसे कश्मीर का ताजा हालात के रूप में पेश कर रहे हैं तो दूसरी तरफ भारत के लोग पुराने विडियो दिखाकर यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि भारत में मुसलमान आर्टिकल 370 हटाने का विरोध कर रहे हैं। कुछ विडियो में यह भी दिखाया जा रहा है कि आर्टिकल 370 हटने पर भारतीय मुसलमान खुश है।’
यह कहना है फेक्ट चेक करने वाली वेबसाइट अल्ट न्यूज के फाउंडर प्रतीक सिन्हा का। कश्मीर को लेकर सोशल मीडिया पर अफवाहों का बाजार गर्म है। पिछले कुछ सालों में देखने में आया है कि अराजक तत्व किस तरह देश को अस्थिर करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लेते रहे हैं। एक बार फिर ऐसा ही हो रहा है। अराजक तत्व सोशल मीडिया पर सक्रिय हो गए है और कश्मीर को लेकर भ्रामक पोस्ट कर रहे हैं।
शुक्रवार को घाटी में सुरक्षा में ढील दी गई तो जुमे का नमाज पढ़ा गया। इसके बाद तो झूठी खबरों की बाढ़ आ गई। ट्विटर पर कश्मीर ट्रेंड कर रहा था तो वहीं फेसबुक पर कश्मीर की पुरानी वीडियो की बाढ़ आ गई।
आर्टिकल 370 हटने के बाद कश्मीर के हालात को लेकर तमाम तरह के अफवाह फैलाए जा रहे हैं। फेसबुक, ट्विटर समेत हर प्लेटफार्म से फर्जी खबरों के जरिए तरह-तरह के दावे किए जा रहे हैं।

जहां पाकिस्तानी यूजर्स आर्टिकल 370 हटाने के खिलाफ कश्मीरियों में भारी आक्रोश का दावा कर रहे हैं तो वहीं सोशल मीडिया प्लेटफार्म का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स तथ्यों की पड़ताल किए बिना सूचनाएं शेयर कर रहे हैं। इसका असर यह हो रहा है कि लोगों में भ्रामक स्थिति बनी हुई है।
वेबसाइट अल्ट न्यूज के फाउंडर प्रतीक सिन्हा ने कहा कि 370 हटने के बाद से हम फैक्ट चेक के कई आर्टिकल पब्लिश कर रहे हैं।
वहीं शनिवार को गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने ट्वीट कर न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की एक खबर को बिल्कुल ‘मनगढ़ंत’ और ‘गलत’ बताया। रॉयटर्स ने खबर दी थी कि श्रीनगर में 10 हजार लोगों ने प्रदर्शन किया। गृह मंत्रालय ने बताया कि श्रीनगर/बारामूला में छोटे-छोटे प्रदर्शन हुए, जिनमें 20 से ज्यादा लोग नहीं थे।
फेसबुक व ट्विटर बनाए हुए हैं नजर
कश्मीर के हालात पर फेसबुक ने कहा कि वह कश्मीर पर जारी बहस पर उसकी कड़ी नजर है । उसके कम्यूनिटी स्टैंडर्ड्स का उल्लंघन करने वाली प्रत्येक सामग्री को हटाया जा रहा है। फेसबुक प्रवक्ता ने कहा, ‘हमारे आठ अलग-अलग फैक्ट चेक पार्टनर हैं जो भारत में 10 भाषाओं में तथ्यों की जांच कर रहे हैं ताकि गलत जानकारियों की पहचान कर उन्हें हटाया जा सके।’
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वहीं, ट्विटर भी भ्रामक ट्वीट पर नजर बनाए हुए है। ट्विटर ने कहा है कि वह नियमों का उल्लंघन करने वाले हर कॉन्टेंट पर तुरंत कार्रवाई कर रहा है। ट्विटर प्रवक्ता ने कहा, ‘ट्विटर अपने प्लेटफॉर्म पर किसी तरह का खिलवाड़ करने की अनुमति नहीं देता है और कड़े नियम लागू करता है। यहां सभी यूजर्स की निष्पक्ष निगरानी करते हैं, चाहे उनकी राजनीतिक विचारधारा कुछ भी हो। इनमें आतंकवाद, घृणा फैलाने वाली गतिविधियां, गाली-गलौच और फर्जी सूचनाएं आदि शामिल हैं।’
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